NCP नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में अनमोल बिश्नोई 'वांटेड' घोषित! मकोका के तहत पुलिस हिरासत में 8 आरोपी
Baba Siddique Murder Case: मुंबई पुलिस ने मकोका का हवाला देते हुए बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए आठ आरोपियों की हिरासत मांगते हुए अनमोल बिश्नोई की संलिप्ता का दावा किया.
Maharashtra News: मुंबई पुलिस ने एक विशेष अदालत को मंगलवार (3 दिसंबर) को बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता बाबा सिद्दीकी की 12 नवंबर को हुई हत्या के मामले में जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई का नाम मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया है. पुलिस ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के प्रावधानों का हवाला देते हुए सिद्दीकी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए आठ आरोपियों की हिरासत मांगते हुए अनमोल बिश्नोई की संलिप्ता का दावा किया.
विशेष मकोका अदालत के न्यायाधीश ए. एम. पाटिल ने मुख्य हमलावर शिवकुमार गौतम समेत आठ आरोपियों को सात दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. मुंबई पुलिस ने अदालत को बताया कि बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की जांच के दौरान अनमोल का नाम मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया है. पुलिस ने बताया कि वह अन्य आरोपियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा था.
अब तक 26 आरोपी गिरफ्तार
उन्होंने अदालत से कहा, यह पैसा कहां से आ रहा था और इसके इस्तेमाल का पता लगाने के लिए जांच करने की जरुरत है. पुलिस ने अदालत को बताया कि अनमोल ने एक ऐप के जरिए सह-आरोपी से संपर्क किया था. पुलिस ने कहा कि इस पहलू पर और जानकारी जुटाने के लिए उन्हें गिरफ्तार आरोपी की हिरासत की जरूरत है. मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने 12 अक्टूबर को सिद्दीकी की हत्या के सिलसिले में कथित मुख्य हमलावर शिवकुमार गौतम सहित अब तक 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
आठों आरोपियों की हिरासत मंजूर
पहले मजिस्ट्रेट अदालत ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. पुलिस ने 30 नवंबर को इन सभी आरोपियों के खिलाफ मकोका की कड़ी धाराएं लगाईं, जिसके बाद उन्हें मंगलवार को विशेष अदालत में पेश किया गया था. पुलिस ने मामले की गहन जांच के लिए गौतम समेत आठ आरोपियों की हिरासत की मांग की थी, जिसे विशेष न्यायाधीश ने सात दिसंबर तक के लिए मंजूर कर दिया.
आरोपियों की पैरवी करने वाले वकील रूपेश जायसवाल, अजिंक्य मिर्गल और दिलीप शुक्ला ने हिरासत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी पहले ही 40 दिनों से अधिक समय से हिरासत में हैं. वकील ने दलील दी कि आरोपियों के खिलाफ मकोका के प्रावधान नहीं बनते क्योंकि उनके खिलाफ पहले कोई मामला दर्ज नहीं है. उन्होंने कहा, इसके अलावा रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है जो यह दर्शाता हो कि ये आरोपी उस गिरोह का हिस्सा हैं, जिसके खिलाफ दो आरोप-पत्र (मकोका लगाने के लिए एक आवश्यक शर्त) दाखिल किए गए हैं.
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आठ आरोपियों को सात दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. बाकी आरोपियों को विशेष अदालत ने 14 दिन की हिरासत में भेजा है. जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई और शुभम लोनकर इस मामले में वांछित आरोपी हैं.