मनमोहन सिंह के खिलाफ आंदोलन करने वाले अन्ना हजारे ने कैसे किया उन्हें याद? कहा- 'कुछ लोग ऐसे होते हैं...'
Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को याद करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि वह इस बात का उदाहरण हैं कि अगर देश के प्रति प्रेम हो तो व्यक्ति कितना अच्छा काम कर सकता है.
Anna Hazare on Manmohan Singh: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने 92 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया. दिल्ली के एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. हर कोई देश के विकास में उनके योगदान और उनके विराट व्यक्तित्व के किस्से याद कर रहा है. इसी बीच सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को याद कर अपने आंदोलन के समय की एक कहानी साझा की.
सोशल वर्कर अन्ना हजारे ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, "रोज कई लोग दुनिया में आते हैं और दुनिया से जाते हैं, लेकिन किसी को पता नहीं चलता. वहीं, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपनी यादगार हमेशा पीछे छोड़ जाते हैं. वह समाज के लिए कुछ ऐसा कर जाते हैं कि उनके निशान दुनिया में हमेशा जिंदा रहते हैं. मनमोहन सिंह भी ऐसे ही व्यक्ति थे."
VIDEO | Here's what social activist Anna Hazare said on the demise of former PM Manmohan Singh.
— Press Trust of India (@PTI_News) December 27, 2024
"Manmohan Singh always thought about the country. He had a big contribution in changing this country's economy. I was heading an agitation against corruption when he was the PM. I met… pic.twitter.com/vTnLuYnOVx
'मनमोहन सिंह की वजह से भारत को मिली नई दिशा'
अन्ना हजारे ने कहा, "मनमोहन सिंह के लिए समाज और देश सबसे पहले आता था. वह हमेशा देश के बारे में पहले सोचते थे. उनके कारण इस देश की अर्थव्यवस्था बदल गई. इसमें मनमोहन सिंह का बहुत बड़ा योगदान है. उनकी वजह से हमारे देश को एक नई दिशा मिल गई और देश प्रगति पथ पर आज भी चल रहा है."
अन्ना हजारे ने आंदोलन के समय को किया याद
जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, उस समय अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे. उस समय को याद करते हुए अन्ना हजारे ने कहा, "आंदोलन के दौरान दो बार दिल्ली में प्रधानमंत्री के आवास पर मीटिंग हुई और उन्होंने झट से निर्णय ले लिया. मनमोहन सिंह इस बात का उदाहरण हैं कि समाज और देश के प्रति आस्था और प्रेम होने से व्यक्ति कितना अच्छा काम कर सकता है. मनमोहन सिंह शरीर से गए हैं, लेकिन यादों में हमेशा के लिए जिंदा रहेंगे. मैं बस इतना कहूंगा कि उनके अपनों को यह दुक सहने की हिम्मत मिले."
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