(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Anti-BJP front: BJP के खिलाफ थर्ड फ्रंट बनाने की कोशिश में लगी ये बड़ी पार्टियां, कहा- समय की मांग है बदलाव
Anti-BJP front: शिवसेना सहित कई बड़े बीजेपी विरोधी राजनीतिक पार्टियां आने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर एक मंच पर आने की कोशिशों में जुटी हैं.
Anti-BJP front: शिवसेना सहित कई बड़े बीजेपी विरोधी राजनीतिक पार्टियां आने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर एक मंच पर आने की कोशिशों में जुटी हैं. रविवार को महाराष्ट्र में इसी कोशिश का एक छोटा सा उदाहरण देखने को मिला जब कई बड़ी पार्टियां एक साथ नजर आईं. इसी क्रम में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव महाराष्ट्र पहुंचे और उन्होंने ने उद्धव ठाकरे और शरद पवार जैसे बड़े नेताओं से मुलाकात की.
उद्धव ठाकरे के बुलाने पर ही केसीआर महाराष्ट्र के दौरे पर आए. इस मुलाकात में दोनों ही नेताओं ने हालिया स्थिति और आने वाले समय की जरूरतों को लेकर खुलकर एक दूसरे से बात की. दोनों ही नेताओं ने बदलाव को वक्त की जरूरत बताया. उद्धव ठाकरे के आधिकारिक आवास 'वर्षा' में दो घंटे की बैठक के बाद, दोनों नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस की.
इसमें केसीआर ने कहा कि यह एक 'अच्छी शुरुआत' है और वे अन्य क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों के नेताओं से बात करने के बाद फिर से मिलेंगे. उन्होंने कहा, 'हमने आजादी के 75 साल बाद देश के समक्ष राजनीतिक स्थिति, विकास के मुद्दों पर चर्चा की.' बीजेपी पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि मौजूदा समय में 'बदले की राजनीति' न तो हिंदुत्व है और न ही भारतीय संस्कृति है. उन्होंने कहा कि स्थिति को बदलने की जरूरत है.
This country needs to be run properly with a new agenda, new vision... I discussed the same with Sharad Pawar Ji. He is an experienced leader, has given me his blessings, and we will work together. Soon, a meeting with other like-minded parties will be held: Telangana CM KCR pic.twitter.com/fgzLPyic1k
— ANI (@ANI) February 20, 2022
गरीबी है बड़ी समस्या
शरद पवार ने कहा कि देश के सामने मौजूद गरीबी, बेरोजगारी और कृषि संकट जैसे विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए सभी समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ आने की जरूरत है. पवार ने कहा कि देश के सामने मौजूद गरीबी, बेरोजगारी और कृषि संकट जैसे विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए सभी समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ आने की जरूरत है.
राव ने कहा, “मैं यहां शरद पवार के साथ राजनीतिक चर्चा करने और आजादी के 75 साल बाद देश को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर बात करने आया था. हमने उन बदलावों को लाने की जरूरत पर भी चर्चा की जो आवश्यक हैं लेकिन अभी तक नहीं किए गए हैं.”
राव ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे और उन्होंने माना कि देश में बदलाव की जरूरत है. उन्होंने कहा, “आगे की राह पर अन्य क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों से बात करने के बाद हम फिर से मिलेंगे. महाराष्ट्र से लिया गया रास्ता हमेशा सफलता की ओर ले जाता है. यह एक अच्छी शुरुआत है और यह लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है.”
कांग्रेस ही एक मात्र विकल्प
इस बीच, कांग्रेस ने कहा कि वह तेलंगाना के मुख्यमंत्री राव के बीजेपी-विरोधी मोर्चा बनाने के प्रयासों का स्वागत करती है, हालांकि, साथ ही आगाह किया कि क्षेत्रीय दलों की इस तरह की पहल सत्तारूढ़ बीजेपी की ‘‘एकमात्र विकल्प’’ कांग्रेस के बिना सफल नहीं हो सकती. महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, ‘‘बीजेपी-विरोधी मोर्चा बनाने के राव के प्रयासों का स्वागत है, लेकिन कांग्रेस के बिना, ऐसे प्रयास न तो पूरे होंगे और न ही सफल होंगे.’’ उन्होंने कहा कि टीआरएस ने पहले संसद में एक रूख लिया था, जो बीजेपी के लिए 'फायदेमंद' था लेकिन अब बीजेपी के बारे में उसके विचार बदल गए हैं. पटोले ने कहा, ‘‘हम हृदय परिवर्तन का स्वागत करते हैं.’’
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