(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Supreme Court Verdict: Article 370 पर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला, संजय राउत बोले- 'अखण्ड भारत का हमारा सपना...'
Article 370 Verdict: अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र सरकार के निर्णय पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है. इसपर अब संजय राउत की प्रतिक्रिया सामने आई है.
Sanjay Raut on Article 370 Verdict: महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) सांसद संजय राउत ने कहा, "मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं. जब ये सदन में आया था तब हमने भी इसका समर्थन किया था कि ये देश एक है तो किसी और राज्य के लिए अलग से कानून की जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने वहां चुनाव कराने की बात कही है, मैं उस फैसले का भी स्वागत करता हूं. वहां के लोगों को अपनी सरकार चुनने का पूरा अधिकार है. PM मोदी ने कश्मीरी पंडितों की घर वापसी की गारंटी दी थी, वह कब होगा? ये गारंटी PM मोदी को देनी पड़ेगी. अगर आप 2024 तक PoK वापस ला सकते हैं तो लाइए, वो भी आपकी गारंटी थी. अखण्ड भारत का हमारा सपना साकार हो जाएगा."
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
उच्चतम न्यायालय ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए सोमवार को कहा कि अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने अपने और न्यायमूर्ति बी आर गवई एवं न्यायमूर्ति सूर्यकांत की ओर से फैसला सुनाते हुए कहा कि संविधान का अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था और राष्ट्रपति के पास इसे रद्द करने की शक्ति है.
फैसले में कही ये बात
शीर्ष अदालत ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को अलग करने के फैसले की वैधता को भी बरकरार रखा. केंद्र सरकार ने इस दिन अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित कर दिया था. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पास देश के अन्य राज्यों से अलग आंतरिक संप्रभुता नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘...भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर (भी) लागू हो सकते हैं.’’ प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए संवैधानिक आदेश जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति के इस्तेमाल को वैध मानते हैं.’’