Maharashtra: शिवसेना में कैसे पड़ गई फूट? उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत ने किया ये दावा
Mumbai News: सावंत ने कहा कि ठाकरे परिवार से भले ही पार्टी का नाम और चिह्न छिन गए हों, लेकिन उसे जनता का मजबूत समर्थन प्राप्त है. जनता सरकार को सबक सिखाने के लिए बस चुनावों का इंतजार कर रही है.
Maharashtra Politics: शिवसेना यूबीटी के नेता अरविंद सावंत (Arvind Sawant) ने प्रदेश की बीजेपी-शिंदे सरकार (BJP-Shinde Government) पर जोरदार हमला बोला है. सोमवार को उन्होंने कहा कि बाला साहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के परिवार के पास भले ही अब शिवसेना (Shiv Sena) का नाम और चिह्न न हो लेकिन उन्हें महाराष्ट्र (Maharashtra) की जनता का मजबूत समर्थन प्राप्त है और चुनावों में जनता बीजेपी और एकनाथ शिंदे को सबक सिखाएगी.
'सरकार को सता रहा बीएमसी चुनाव में हार का डर'
विरोधियों को आड़े हाथों लेते हुए सावंत ने कहा कि वे लोगों के दिलों से बाला साहेब ठाकरे को नहीं निकाल सकते. उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार बीएमसी का चुनाव इसलिए नहीं करा रही है क्योंकि उसे हारने का डर सता रहा है. शिवसेना नेता ने कहा कि कोट-कचहरी से बड़ी जनता की अदालत होती है और महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी की जड़ें गहरी हैं.
'शिंदे-बीजेपी को सबक सिखाने के लिए चुनाव का इंतजार कर रही जनता'
एक समाचार चैनल को दिये इंटरव्यू में सावंत ने कहा कि बाला साहेब ठाकरे के जीते जी भी बीजेपी शिवसेना को मिटाने का प्रयास करती रही है, लेकिन शिवसेना की जड़ें काफी मजबूत हैं, वे अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं होंगे. वहीं शिवसेना के बागी नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिवसेना को खत्म करने में वे बीजेपी के खेल का हिस्सा थे. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जो हुआ उसको लेकर लोगों में बीजेपी और शिंदे के प्रति काफी गुस्सा है और वो इन्हें सबक सिखाने के लिए चुनावों का इंतजार कर रहे हैं.
'लोकतंत्र को बचाने के लिए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराना जरूरी'
शिवसेना यूबीटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सावंत ने कहा कि देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए आने वाले लोकसभा चुनावों में बीजेपी को हराना बेहद जरूरी है, इसको लेकर उन्होंने विपक्ष से एकजुट होने की भी अपील की. सावंत ने कहा कि ठाकरे परिवार वो परिवार है जिसका दिल गरीबों के लिए धड़कता है. उन्होंने कहा ठाकरे परिवार जनता से किए अपने वादों को निभाने के लिए जाना जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की प्रलोभन और जांच एजेंसियों के डर की रणनीति ने शिवसेना में फूट को बढ़ाने का काम किया था. उन्होंने कहा कि जनता बीजेपी और शिंदे को सबक सिखाने के लिए बस चुनावों का इंतजार कर रही है.
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