भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार ने सोमवार को दावा किया कि तत्कालीन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का कोई नैतिक आधार नहीं था क्योंकि उसे मतदाताओं का आशीर्वाद प्राप्त नहीं था. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यंत्री अजित पवार अपने व्यापक राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभवों की वजह से सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए उपयोगी साबित होंगे. शेलार ने मध्य महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के तुलजापुर में एक मराठी समाचार चैनल से यह बात कही.
विभागों के आवंटन पर क्या बोले शेलार?
राज्य मंत्रिमंडल में दो जुलाई को शामिल हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी के आठ अन्य बागी विधायकों को विभाग आवंटित किए जाने के सवाल पर शेलार ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा जारी है.
शेलार ने पूछा- क्या MVA सरकार को लोगों का आशीर्वाद मिला था?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार के एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर शेलार ने कहा, “जो हमसे नैतिक रूप से लड़ेगा, हम भी उसी तरह लड़ेंगे. लेकिन यदि कोई हमसे अनैतिक रूप से लड़ेगा तो हम भी वैसे ही लड़ेंगे. (तत्कालीन) एमवीए (सरकार) का नैतिक आधार क्या था? ...क्या इसे लोगों (मतदाताओं) का आशीर्वाद प्राप्त था.”
'अजित पवार अपने अनुभव की वजह से सरकार के लिए उपयोगी है'
महाराष्ट्र में पिछले एक साल में दो दलों, शिवसेना और एनसीपी में विधायकों का विद्रोह देखा गया है, इस बदले हुए परिदृश्य पर शेलार ने कहा कि नेता अपने अस्तित्व की लड़ाई में व्यस्त हैं. उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र के नेता आज अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई में व्यस्त हैं. अजित पवार अपने नेतृत्व गुणों और अनुभव की वजह से (शिवसेना-बीजेपी के सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए) उपयोगी हैं.” एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार द्वारा बीजेपी पर क्षेत्रीय दलों के विभाजन के आरोप लगाये जाने पर शेलार ने कहा कि वह “अधूरा सच” बोल रहे हैं.