Maharashtra News: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई (Mumbai) में शुक्रवार को समुद्र के ऊपर बने भारत के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन किया गया. इसकी आधारशिला पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने दिसंबर 2016 में रखी थी और आज इसका उद्घाटन भी उन्हीं के हाथों हुआ. यह ब्रिज न केवल नवी मुंबई और मुंबई के बीच दूरी कम करने का साक्षी बन रहा है बल्कि इसने अपने निर्माण के दौरान महाराष्ट्र की सियासी तस्वीर को बदलते देखा है. जो उस वक्त गठबंधन की सरकार में सीएम थे वह अभी डिप्टी सीएम हैं और जो उस वक्त विपक्ष में थे आज सरकार में शामिल होकर उद्घाटन की तस्वीर में नजर आ रहे हैं. आइए जानते हैं उस वक्त से लेकर अब तक सियासत में क्या बदलाव हुआ है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने 21.8 किलोमीटर लंबे छह लेन वाले मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक यानी अटल सेतु का उद्घाटन किया. इस उद्घाटन की तस्वीर में पीएम नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, और डिप्टी सीएम अजित पवार नजर आए. वहीं, जब 2016 में इस ब्रिज की आधारशिला रखी गई थी तब की तस्वीर कुछ अलग थी.
उस वक्त सीएम देवेंद्र फडणवीस थे और आज के सीएम एकनाथ शिंदे उनकी कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री हुआ करते थे. यह 2014 से 2019 के बीच की महाराष्ट्र सरकार का वक्त था. उस वक्त बीजेपी और अविभाजित शिवसेना की सरकार थी जिस शिवसेना का नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर रहे थे. लेकिन 2019 में सरकार बनने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति ने ऐसी पलटी खाई कि जो सरकार में था वह बाहर हो गया और जो विपक्ष में था वह सरकार में शामिल हो गया.
एकनाथ शिंदे- स्वास्थ्य मंत्री से लेकर सीएम तक का सफर
2019 में बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा लेकिन सीएम के पोस्ट को लेकर विवाद शुरू हुआ और सत्ता से दूर रहे ठाकरे परिवार का सदस्य महाराष्ट्र का सीएम बना. उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई. लेकिन तीन साल के बाद 2022 एकनाथ शिंदे ने अपने गुट के विधायकों के साथ शिवसेना में बगावत कर दी और उसका नतीजा यह हुआ कि महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर गई और बीजेपी के साथ गठबंधन करने पर उन्हें सीएम की सीट ऑफर की गई और इस तरह एकनाथ शिंदे राज्य के सीएम बने और देवेंद्र फडणवीस जो कभी उनके सीएम थे, वह उनके डिप्टी बन गए.
ट्रांस हार्बर लिंक उद्घाटन की तस्वीर में नजर आ रहे अजित पवार भी कुछ महीने पहले तक विपक्ष का हिस्सा थे. जब ब्रिज की आधारशिला रखी गई थी तब वह एनसीपी से केवल बारामती के विधायक थे. इन वर्षों में वह कभी महाविकास अघाड़ी सरकार में राज्य के डिप्टी सीएम रहे तो अघाड़ी की सरकार जाने पर विपक्ष के नेता बने. लेकिन जुलाई 2023 में उन्होंने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करते हुए अपनी अलग गुट बनाई और 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की सरकार में शामिल हो गए. इस तरह महाराष्ट्र को देवेंद्र फडणवीस के अलावा अजित पवार के रूप में नया डिप्टी सीएम मिल गया.
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