Atiq Ahmad Shot Dead: प्रयागराज (Prayagraj) में हुई माफिया डॉन अतीक अहमद (Atiq Ahmad) और उसके भाई असरफ की हत्या पर अब राजनीति शुरु हो गई है. तमाम सियासी दलों के नेताओं की ओर से बयान आना शुरू हो गए हैं. अब इस मामले पर शिवशेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) का भी बयान आया है.


अतीक अहमद हत्याकांड पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा "ये एक राज्य का विषय है. किसी और राज्य की कानून व्यवस्था पर बयान देना सही नहीं. हालाकिं दिंन - दहाड़े पुलिस के बंदोबस्त के बीच अगर हत्या होती है, तो ये गंभीर है.  उस राज्य के लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल खड़े होते हैं, चाहे वह माफिया ही क्यों न हो." इससे पहले अतीक अहमद हत्याकांड पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), मायावती (Mayavati),  असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi)और प्रियका गांधी (Priyanka Gandhi) की भी  प्रतिक्रिया आई.






 


अखिलेश यादव ने क्या कहा
अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा "उप्र में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है. जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसीकी हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या. इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है  कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं."


 मायावती ने भी सरकार को घेरा
वहीं इस मामले पर बसपा प्रमुख मायावती ने भी एक के बाद एक दो ट्वीट करते हुए सरकार को घेरा  है. अपने पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा " गुजरात जेल से अतीक अहमद और बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में कल रात पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हुई हत्या, उमेश पाल जघन्य हत्याकाण्ड की तरह ही, यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर अनेकों गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है. अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा देश भर में चर्चित इस अति-गंभीर और अति-चिन्तनीय घटना का माननीय सुप्रीम कोर्ट अगर स्वंय ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर. वैसे भी उत्तर प्रदेश में कानून द्वारा कानून के राज के बजाय, अब इसका इनकाउंटर प्रदेश बन जाना कितना उचित? ये सोचने की बात."


प्रियंका गांधी ने भी दी प्रतिक्रिया
वहीं इस हत्याकांड पर कांग्रेस की राष्ट्रिय महासचिव और  यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने कहा कि जो भी ऐसा करता है, या ऐसे करने वालों को सरंक्षण देता है, उसे भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उस पर भी सख्ती से कानून लागू होना चाहिए. उन्होंने हमारे देश का कानून संविधान में लिखा गया है, यह कानून सर्वोपरि है. अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, मगर देश के कानून के तहत होनी चाहिए. किसी भी सियासी मकसद से कानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. देश में न्याय व्यवस्था और कानून के राज का इकबाल बुलंद हो, यही हम सबकी कोशिश होनी चाहिए.


वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने भी योगी सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा " यह एक 'कोल्ड-ब्लडेड' हत्या थी. यह घटना कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है. इसके बाद क्या जनता को देश के संविधान और कानून-व्यवस्था पर भरोसा होगा?"