Aurangabad News: औरंगाबाद (Aurangabad) में नांदेड़ रेंज के एक पुलिस निरीक्षक को 11 महीने से ड्यूटी पर नहीं आने पर निलंबित कर दिया गया है. नांदेड़ रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) निसार तंबोली ने पुलिस निरीक्षक सुनील नागरगोजे को निलंबित कर दिया, जिन्होंने 2021-2022 के सामान्य स्थानान्तरण के दौरान परभणी जिले में स्थानांतरित होने के बावजूद नई पोस्टिंग पर रिपोर्ट नहीं की.
निलंबन आदेश जारी करने की पुष्टि करते हुए तंबोली ने कहा, "इस तरह की लंबी छुट्टियां चाहे वह सिक लीव हो या अन्यथा, समय-समय पर वरिष्ठों को सूचित किए बिना, सेवा नियमों का उल्लंघन है." मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि पहले नागरगोजे ने लातूर में स्थानीय अपराध शाखा निरीक्षक के रूप में काम किया था, इसके बाद उन्हें पुलिस कल्याण विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया, जिसे विभाग में सबसे कम पसंदीदा पोस्टिंग माना जाता है.
31 जुलाई से सिक लीव पर चला गया था अधिकारी
19 अगस्त, 2021 को किए गए सामान्य तबादलों के दौरान, नांदेड़ रेंज के डीआईजी ने नागरगोजे को परभणी जिले में स्थानांतरित कर दिया, जो नांदेड़ रेंज की चार पुलिस इकाइयों में से एक है. स्थानांतरण आदेश के अगले दिन, लातूर के पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगले ने उन्हें लातूर से मुक्त कर दिया ताकि वह परभणी में ज्वाइन कर सकें. बकौल टाइम्स ऑफ इंडिया, संपर्क करने पर, एसपी पिंगले ने कहा कि वह 31 जुलाई, 2021 को लातूर नियंत्रण कक्ष में रिपोर्ट करने के बाद सिक लीव पर चले गए. उन्हें 19 अगस्त, 2021 को परभणी में ट्रांसफर कर दिया गया, और अगले दिन उन्हें यहां से रिलीव कर दिया गया. लेकिन उन्होंने वहां ज्वाइन नहीं किया और तब से अनुपस्थित है. इसलिए यह निलंबन हुआ है.
अधिकारी ने किसी को नहीं किया सूचित
निलंबन आदेश की प्रति, जिसमें लातूर के एसपी को भी चिह्नित किया गया है, इस बात पर चिंता व्यक्त करती है कि अधिकारी ने न तो अपनी इतनी लंबी बीमारी की छुट्टी के बारे में सूचित किया है और न ही बीमार छुट्टी को सही ठहराने के लिए कोई मेडिकल रिकॉर्ड या प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है. निलंबन आदेश में कहा गया है कि निलंबन अवधि के दौरान, अधिकारी को लातूर पुलिस नियंत्रण कक्ष से संबद्ध माना जाएगा और वह हर महीने अपने आंशिक वेतन को ही पा सकेगा.