Maharashtra: अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में निमंत्रण को लेकर सियासी संग्राम देखने को मिल रहा है. अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है. इसी बीच शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कहा कि हम इस इवेंट में नहीं जाएंगे, ये बीजेपी की रैली है. हम इस कार्यक्रम के बाद अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए जाएंगे.


इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार की भी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में निमंत्रण को लेकर प्रतिक्रिया आई थी. उन्होंने कहा था कि उन्हें अगले महीने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है. बीजेपी पर निशाना साधते हुए शरद पवार ने कहा कि यह समझना मुश्किल है कि क्या पार्टी इस मुद्दे का इस्तेमाल राजनीतिक या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए कर रही है. शरद पवार ने कहा, ‘‘पता नहीं कि वह (भाजपा) इस मुद्दे का इस्तेमाल राजनीतिक या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए कर रही है."


‘आस्था के दो-तीन स्थानों पर जाता हूं’


पवार ने कहा कि हमें खुशी है कि मंदिर बन रहा है, जिसके लिए कई लोगों ने योगदान दिया. पवार से जब पूछा गया कि क्या उन्हें आमंत्रित किया गया है, तो उन्होंने नकारात्मक जवाब दिया. पवार ने कहा, ‘‘मैं आस्था के दो-तीन स्थानों पर जाता हूं जिनके बारे में मैं सार्वजनिक रूप से बात नहीं करता हूं. यह एक निजी मामला है."


22 जनवरी को होगा प्राण प्रतिष्ठा समारोह


राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 6,000 से अधिक लोगों के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने की उम्मीद है. 15 जनवरी को रामलला के बालरूप की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा. इस दिन से अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा. इस कार्यक्रम में देश-विदेश से बड़ी संख्या में वीवीआईपी मेहमान शामिल होंगे. इससे पहले पीएम मोदी 30 दिसंबर को अयोध्या में एक हवाई अड्डे का उद्घाटन करने के बाद रोड शो और जनसभा को संबोधित करेंगे.


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