बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में बड़ा खुलासा, सलमान खान पर फायरिंग के बाद बिश्नोई गैंग ने बनाया था ये प्लान
Baba Siddique Murder: लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सलमान खान को टारगेट करने के बाद एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की योजना बनाई. डब्बा कॉलिंग और VoIP टेक्नीक का इस्तेमाल किया गया.
Baba Siddique Murder Case: महाराष्ट्र के मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. मुंबई क्राइम ब्रांच के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने तभी से शुरू कर दी थी जब बॉलीवुड स्टार सलमान खान के घर पर फायरिंग हुई थी.
सूत्रों की मानें तो सलमान खान के गैलेक्सी अपार्टमेंट पर फायरिंग के 10 दिन बाद ही एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी के मर्डर की प्लानिंग शुरू कर दी गई थी. एक ओर मुंबई क्राइम ब्रांच सलमान खान के घर पर फायरिंग मामले में आरोपियों को पकड़ने में जुटी थी, दूसरी ओर लॉरेंस गैंग बाबा सिद्दीकी को मारने की प्लानिंग शुरू कर चुकी थी.
सलमान खान के करीबियों को टारगेट
सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग का प्लान सलमान खान को मारने का था, लेकिन वह जब कामयाब नहीं हुआ तो उनके घर पर फायरिंग कराकर लॉरेंस उन्हें डराने की कोशिश की. इस फायरिंग की घटना के बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने अपने गुर्गों को सलमान खान के करीबियों को टारगेट करने को कहा था. इसी प्लान के तहत बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश रचने की शुरुआत हुई. याद हो, सलमान खान के घर पर फायरिंग 14 अप्रैल 2024 को हुई थी.
डब्बा कॉलिंग के जरिए हुई प्लानिंग
पूछताछ में यह भी सामने आया है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या में बिश्नोई गैंग के सदस्यों ने एक दूसरे से बात करने के लिए डब्बा कॉलिंग (इल्लीगल टेलीफोन एक्सचेंज) का इस्तेमाल किया था. मुंबई क्राइम ब्रांच की जांच में खुलासा हुआ है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के दौरान शूटरों और इसमें शामिल अपने गुर्गों से बिश्नोई गैंग ने हाई टेक्नीक वाले डब्बा कॉलिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया था.
इसी डब्बा कॉलिंग का इस्तेमाल करके अनमोल बिश्नोई ने शूटर शिव कुमार गौतम, जीशान अख्तर, शुभम लोनकर और सुजीत सिंह से कई बार बातचीत की थी. डब्बा कॉलिंग का इस्तेमाल बिश्नोई गैंग इसलिए करता है ताकि जांच एजेंसियां उनको ट्रेस न कर सकें. सूत्रों के मुताबिक, डब्बा कॉलिंग के लिए बिश्नोई गैंग ने खुद का टेली एक्सचेंज स्थापित कर लिया, जिसके जरिए चार-पांच लोग एक साथ जुड़ सकते हैं. सबसे अंत में जुड़े गुर्गे से अनमोल बात करता है, लेकिन जांच एजेंसियों को इसकी जरा सी भी भनक नहीं लगती और उन्हें यह दिखेगा कि कोई और बात कर रहा है.
VoIP का भी किया गया इस्तेमाल
एक अधिकारी ने बताया की लॉरेंस गैंग ने अपने सहयोगियों के संपर्क में रहने और जेल से अपने आपराधिक साम्राज्य का प्रबंधन करने के लिए वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VoIP) और गुप्त डब्बा कॉलिंग प्रणाली जैसे उन्नत संचार विधियों का उपयोग किया है. डब्बा कॉलिंग सिस्टम अपराधियों को अवैध एक्सचेंजों का उपयोग करके अप्राप्य कॉल करने में सक्षम बनाता है. इस प्रकार से गैंग पारंपरिक कानून प्रवर्तन निगरानी को दरकिनार करने के सफल रहता है.