Baba Siddique Shot Dead: एनसीपी अजित पवार गुट के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गई. बाबा सिद्दीकी को तीन गोली लगी थी, जिसके बाद उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर बांद्रा खेरवाड़ी सिगनल के पास उनपर गोलीबारी हुई थी. वहीं अब बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है.
मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, पूछताछ में आरोपियों ने बिश्नोई गैंग से जुड़े होने का होने दावा किया है. आरोपी पिछले 25-30 दिनों से उस इलाके की रेकी कर रहे थे. तीनों आरोपी घटना से पहले ऑटो रिक्शा से बांद्रा ईस्ट (जहां पर गोली चलाई गई) पहुंचे थे. सूत्रों ने बताया कि बाबा सिद्धकी पर गोली चलाने से पहले तीनों कुछ देर तक उनका वहीं इंतजार कर रहे थे.
पुलिस को शक है कि आरोपियों को कोई और भी सारी जानकारी मुहैया करवा रहा था. गिरफ्तार दोनों आरोपियों के नाम करनैल सिंह (हरियाणा) और धर्मराज कश्यप (उत्तर प्रदेश) है. बता दें शूटर्स ने सिद्दीकी पर छह राउंड फायरिंग की, जिसमें तीन गोलियां उन्हें लगीं. जिनमें से दो सीने में लगी और एक गोली शरीर के दूसरे हिस्से में लगी. मुंबई पुलिस सूत्रों ने बताया कि सीने में गोली लगने से बाबा सिद्दीकी की मौत हो गई.
इसी साल NCP ज्वाइन की थी
इसी साल फरवरी में कांग्रेस छोड़कर बाबा सिद्दीकी एनसीपी (अजीत पवार गुट) में शामिल हुए थे. वो पिछले 48 साल तक कांग्रेस में रहे थे. उस वक्त उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफे पर लिखा था, "मैं एक युवा किशोर के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हुआ था और यह 48 वर्षों तक तक चलने वाली एक महत्वपूर्ण यात्रा रही. आज मैं तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं."
अजित पवार ने क्या कहा?
वहीं इस घटना को लेकर एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, "एनसीपी नेता, पूर्व मंत्री और मेरे सहयोगी बाबा सिद्दीकी जो लंबे समय से विधानमंडल में हैं, उन पर गोलीबारी की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, निंदनीय और दर्दनाक है. मैं स्तब्ध हूं. मैं इस कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करता हूं."
उन्होंने कहा, "घटना की पूरी जांच की जाएगी और हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हमले के पीछे के मास्टरमाइंड को भी पकड़ा जाएगा. बाबा सिद्दीकी के निधन से, हमने एक अच्छा नेता खो दिया है, जिन्होंने अल्पसंख्यक भाइयों के लिए लड़ाई लड़ी और सर्वधर्म सद्भाव के लिए प्रयास किया. उनका निधन राकांपा के लिए एक बड़ी क्षति है."