'बदला ही लेना तो फिर बंद कर दें अदालत', असदुद्दीन ओवैसी का बीजेपी पर हमला
Badlapur Accused Encounter Case: बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की एनकाउंटर में मौत के मामले में महाराष्ट्र की सरकार घिरी हुई है. ओवैसी भी इस पर सवाल उठा रहे हैं.
Maharashtra News: एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asadudding Owaisi) ने बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे (Akshay Shinde) की एनकाउंटर में हुई मौत पर सवाल उठाया है. ओवैसी ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि अगर बदला ही लेना हो तो फिर कोर्ट बंद कर दीजिए और वकीलों को छुट्टी दे दीजिए.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''ये जो लोग बदला लेने वाले होते हैं ये गैंगस्टर और माफिया होते हैं. बदले और जस्टिस में फर्क होता है. ये बदले की बात करते हैं और हम जस्टिस की बात करते हैं.'' अक्षय शिंदे की मौत के बाद एक पोस्टर वायरल हो रहा है जिसमें देवेंद्र फडणवीस दिख रहे हैं और ऊपर लिखा है- बदला पूरा. इसको लेकर ओवैसी ने कहा, '' ये पोस्टर लगाने का मतलब है कि बीजेपी इस इस पर अपनी रोटी सेंकना चाहती है.''
वकीलों को फिर दे दो छुट्टी- ओवैसी
ओवैसी ने कहा, '' सरकार इस बात को मान रही है कि कोर्ट से सजा नहीं दिलाएंगे बल्कि बदला लेंगे. ये जो बदला लेते हैं वे गैंगस्टर और माफिया होते हैं. संविधान में इंसाफ और न्याय होता है. कोर्ट के जरिए जब सजा दी जाती है तो बदला नहीं होता वह जस्टिस होता है. अगर पोस्टर लगाकर बदला लेने की ही बात हो रही है तो वकील को बोलो छुट्टी मनाओ और चौपाटी पर एंजॉय करो."
आरोपी का भी अधिकार होता है - ओवैसी
एआईएमआईएम के चीफ यहीं नहीं रुके बल्कि आगे कहा कि "जज साहब को बोलो कि आपकी जरूरत ही नहीं है. संविधान में राइट टू लाइफ की बात है आरोपी का भी है और आपका और मेरा भी है. आप बदला लेकर नहीं मार सकते. जस्टिस करके कैपिटल पनिशमेंट दे सकते हैं लेकिन पोस्टर लगाने का मतलब है कि बीजेपी इस पर अपनी रोटी सेक रही है. सब गूंगे बनकर बैठे हैं.''
ओवैसी ने आगे कहा कि महाराष्ट्र सरकार को एक क़ानून बनाना चाहिए कि अगर कोई व्यक्ति किसी धर्म के खिलाफ गलत बोलेगा तो उसपर सिर्फ FIR नहीं बल्कि उसे गिरफ्तार भी किया जाएगा. ओवैसी की यह मांग बीजेपी विधायक नितेश राणे के एक बयान के संदर्भ में आई है.
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