Badlapur School Case: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में बदलापुर कस्बे के एक स्कूल में दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिंदे सरकार पर बड़ा हमला किया है.


उन्होंने कहा कि पहले बहनों को सुरक्षित करो, फिर लाडली बहन योजना लाओ. जब सहनशीलता का अंत होता है, तब जन भावना उमड़ती है. जब स्कूल में बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं तो शिक्षा का क्या मतलब? शिंदे के लिए क्या बदलापुर की घटना मान्य है?


शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा, ''बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर एक कविता वायरल हो रहा है. उठो दौपद्री, अब शस्त्र उठा लो...अब गोविंद ना आएंगे... ये बच्चे पढ़े इसके लिए उन्हें स्कूल भेजा जा रहा है. लेकिन स्कूल भी बच्चियां सुरक्षित नहीं है.'' 


देवेंद्र फडणवीस पर निशाना


उद्धव ठाकरे ने कहा, ''मुख्यमंत्री रक्षाबंधन के दिन कहां थे? राखी बंधवा कर फोटो डाल रहे थे, लेकिन बहनों की सुरक्षा का क्या? मैं बदलापुर जरूर जाऊंगा, लेकिन उनके परिवार को तकलीफ नहीं देनी है. राज्य के गृहमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) कोई भी जवाबदेही लेने के लिए तैयार नहीं है.''


उन्होंने कहा कि बदलापुर की घटना का गुस्सा हर एक के मन में है. पुलिस पर दबाव बनाने वाले गुनहगार हैं. अगर समय पर कार्रवाई हुई होती तो लोग रास्ते पर उतरकर अपना गुस्सा नहीं दिखाते.


'सीएम की मानसिकता विकृत'


उन्होंने कहा, ''बदलापुर में राजनीति की बात करने वाले की मानसिकता विकृत है. जैसे यौन शोषण करने वाले की मानसिकता विकृत है, उसी प्रकार से ऐसा बयान देने वाले की भी मानसिकता विकृत है.'' दरअसल, सीएम एकनाथ शिंदे ने बदलापुर रेलवे स्टेशन पर हुए प्रदर्शन को राजनीतिक साजिश बताया है.


बदलापुर में स्कूल के एक पुरुष सहायक ने दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न किया था. इसके बाद बदलापुर में मंगलवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि बच्चियों के माता-पिता को बदलापुर पुलिस थाने में 11 घंटे तक इंतजार करना पड़ा और उसके बाद ही अधिकारियों ने उनकी शिकायतों पर गौर किया.


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