नितिन गडकरी ने वाइन पीने से किया इनकार, कैसा था बालासाहेब ठाकरे का रिएक्शन? खुद बताया
Maharashtra Politics: नितिन गडकरी ने अपने बचपन का किस्सा सुनाते हुए कहा कि वह साधारण स्टूडेंट थे. उन्होंने यह भी बताया कि किस वजह से उनका इंजीनियरिंग में एडमिशन नहीं हो पाया था.
Maharashtra News: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बताया कि एकबार बालासाहेब ठाकरे ने उन्हें वाइन ऑफर की थी और जब उन्होंने पीने से मना किया तो बालासाहेब का जवाब बहुत ही फनी था. नितिन गडकरी ने 'अनफिल्टर्ड बाय समधीश' को दिए इंटरव्यू में इस रोचक घटनाक्रम का जिक्र किया है.
नितिन गडकरी शराब नहीं पीते और ना ही नॉन-वेज खाते हैं. नितिन गडकरी ने कहा, ''मैं बचपन से ही कभी नॉन-वेज नहीं खाया. मेरे मां के संस्कार थे. मैं दारू-शराब नहीं पीता लेकिन मेरे सामने बैठा कोई खाता है तो मुझे दिक्कत नहीं है.''
क्या उन्हें कभी अटल बिहार वाजपेयी या बालासाहेब ठाकरे ने शराब ऑफर की थी? नितिन गडकरी ने इस सवाल पर कहा, ''बालासाहेब के घर मैं रात को गया था. नासिक के चौगुले करके एक व्यक्ति थे. वह स्पेशल वाइन लेकर आए थे. बालासाहेब ने एक ग्लास में डालकर मुझे दिया. मैंने कहा मैं नहीं पीता तो उन्होंने पूछा क्यों? मैंने कहा कि मैंने कभी पिया नहीं, मैं नींबू शरबत पीउंगा. इस पर बालासाहेब ने हंसकर चौगुले को कहा कि ये चड्डीछाप है गोबर और गोमूत्र से वाइन बनाओ फिर यह पीएगा. बालासाहेब का बहुत प्यार भी था.''
संघ और ABVP को दिया इस बात का क्रेडिट
बातचीत में नितिन गडकरी ने अपने विद्यार्थी जीवन के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, ''संघ और विद्यार्थी परिषद ने मेरे जैसे अनुपयोगी रॉ मटीरियल को शेप दिया. मैं पहले से ही मीडियोकर विद्यार्थी था. मेरे पास कोई ज्यादा टैलेंट नहीं है. लोग कहते हैं कि आप बहुत बड़े मैनेजमेंट एक्सपर्ट हैं. कोई बोलता है कि आप तो इंजीनियर हैं. मैं तो इंजीनियरिंग के एग्जाम में डिस्क्वालिफाई हो गया था.''
गडकरी ने बताया क्यों नहीं बन पाए इंजीनियर
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''1975 में आपातकाल लगा तो जेपी के नेतृत्व झंडा लेकर दौड़ गया. उस समय मेरे 11वीं में 52 प्रतिशत मार्क्स आए. बड़ी बहन चाहती थी कि इंजीनियर बनूं. घर के दामाद इंजीनियर थे. मुझे साइंस ग्रुप में 49.26 प्रतिशत मिला था. 50 प्रतिशत से ऊपर होने पर ही कोई कॉलेज मिलता था. आज मुझे 9 डिलीट्स मिले हैं. मेरी मिनिस्ट्री के पास सात वर्ल्ड रिकॉर्ड है. तब भी मैं नाम के आगे डॉक्टर नहीं लगाता है.'' आगे हंसते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि जब एग्जाम में डिस्क्वालिफाई हो गया तो क्या लगाऊं.
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