Balasaheb Thorat Wrote Letter to Mallikarjun Kharge: सत्यजीत तांबे की बगावत के बाद थोराट को CLP पद से हटाया जा सकता है? थोराट के पत्र के बाद क्या नाना पटोले की मुश्किल बढ़ सकती है? नाना पटोले के करीबी सूत्रों की मानें तो थोराट के पत्र के बाद राहुल गांधी से हुई बातचीत में पटोले को अंतर्गत राजनीति पर ध्यान ना देने को कहा गया है. हाई कमान ने पटोले को संगठन को मजबूत करने की सलाह दी है.
पत्र में दस गलतियों का किया जिक्र
कांग्रेस में सांस्थानिक और आम कांग्रेस नेताओं के बीच गुट-बाजी देखी जा रही है. नाना के करीबी सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस हाई कमान मानता है कि संस्थानीक कांग्रेस नेता अधिकतर BJP या NCP के साथ समझौता कर लेते हैं लिहाजा उनके प्रति फिलहाल कांग्रेस हाई कमान मजबूती के साथ खड़ा नहीं दिखाई देता. सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि बाला साहेब थोराट ने हाई कमान को लिखे पत्र में नाना पटोले की करीब दस गलतियों का जिक्र किया है.
पत्र लिखकर क्या कहा?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिखकर कहा है कि वह महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले के ‘‘गुस्से’’ की वजह से उनके साथ काम करने में असमर्थ हैं. थोराट के एक सहयोगी ने सोमवार को यह दावा किया. पटोले ने पुणे में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें नहीं लगता कि थोराट ने ऐसा कोई पत्र लिखा है और वह इस पत्र की विषयवस्तु जानने के बाद ही टिप्पणी कर पाएंगे. पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मंत्री थोराट के सहयोगी ने कहा कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में यह भी कहा है कि यहां लिए जा रहे फैसलों से पहले उनसे सलाह-मशविरा नहीं किया जाता.
थोराट के करीबी का दावा
थोराट के करीबी सहयोगी ने दावा किया, ‘‘थोराट ने कांग्रेस नेतृत्व को लिखे पत्र में प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के साथ काम करने में असमर्थता जाहिर की है और कहा है कि वह (पटोले) उनके प्रति काफी गुस्सा रखते हैं, इसलिए उनके साथ काम करना कठिन होगा. थोराट ने फैसले लेते समय सलाह नहीं लिए जाने की शिकायत भी की है.’’ पटोले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि थोराट साहब ने कौन सा पत्र लिखा है. मैं इस पर तभी बोल सकता हूं जब मुझे पत्र में लिखी गई सामग्री उपलब्ध हो. मुझे नहीं लगता कि थोराट ने ऐसा कोई पत्र लिखा है.’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 13 फरवरी को आयोजित की गई है जिसमें अनेक मुद्दों पर चर्चा कर समाधान खोजने का प्रयास किया जाएगा. कुछ दिन पहले ही थोराट के रिश्तेदार और नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से तत्कालीन विधान परिषद सदस्य सुधीर ताम्बे ने कांग्रेस का आधिकारिक उम्मीदवार होने के बावजूद चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था और अपने बेटे सत्यजीत ताम्बे को निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ाया. दो फरवरी को घोषित चुनाव परिणाम में सत्यजीत ताम्बे ने जीत हासिल की थी.
सूत्रों ने बताया कि इस घटनाक्रम के कारण कांग्रेस को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, वहीं कंधे की चोट से उबर रहे थोराट की चुप्पी को ताम्बे पिता-पुत्र के मूक समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है. थोराट ने 30 जनवरी को हुए चुनाव से पहले सत्यजीत ताम्बे के प्रचार अभियान में भाग नहीं लिया था, लेकिन उनके कई सहयोगी इसमें मौजूद रहे. कांग्रेस ने एमएलसी चुनाव में पाला बदलने के लिए सुधीर ताम्बे और सत्यजीत ताम्बे को निलंबित कर दिया है.
सहयोगी के अनुसार, थोराट ने यह भी कहा है कि प्रदेश नेतृत्व ने उनका अपमान किया और ताम्बे के चुनाव लड़ने के मुद्दे पर उनके परिवार के खिलाफ बयान दिए गए. खरगे को लिखे पत्र में कहा गया है कि अहमदनगर के कुछ नेताओं को इस मुद्दे पर दंडित किया गया है. पटोले ने 26 जनवरी को कांग्रेस की अहमदनगर जिला समिति को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में भंग कर दिया था. खबरों के अनुसार, इसके कुछ सदस्यों ने पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के बजाय सत्यजीत ताम्बे के लिए प्रचार किया था.