बांग्लादेश में तख्तापलट के बीच प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं, 'उम्मीद है हमारे देश के प्रधानमंत्री...'
Shaik Haseena Resigns: बांग्लादेश में हिंसा और तनाव के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इतना ही नहीं, उन्होंने देश भी छोड़ दिया है.
बांग्लादेश में बड़ा सियासी भूचाल आया. सोमवार (5 अगस्त) को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया. सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने देश भी छोड़ दिया. इस बीच शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बांग्लादेश के मौजूदा घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी.
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "ये दुखद है. एक मजबूत लोकतंत्र वहां पर चल रहा था.अब वह अराजकता की तऱफ बढ़ रहा है. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. इतने दिनों से हिंसक घटनाएं हो रही थीं, छात्रों का प्रदर्शन हो रहा था. इतनी हत्याएं हो चुकी हैं. एक अस्थिरता का माहौल बन गया है. वो भारत का लंबे समय से साथी रहा है. उम्मीद है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि वहां पर भारतीय सुरक्षित हों. बांग्लादेश में भारतीयों के हितों की रक्षा हो और किसी भी तरह से समझौता न हो."
#WATCH | Delhi: On the political crisis in Bangladesh, Shiv Sena (UBT) leader Priyanka Chaturvedi says, "It is a very sad development, especially seeing how Bangladesh was heading towards development and now it is headed towards anarchy. As immediate neighbours, India should be… pic.twitter.com/ozQI750B7k
— ANI (@ANI) August 5, 2024
बता दें कि शेख हसीना के बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर जानें की खबर के बाद छात्रों के नेतृत्व में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 'गणबंधन' पर धावा बोल दिया. प्रदर्शनकारियों ने ढाका में बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति और शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को भी तोड़ दिया.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, ढाका की सड़कों पर करीब चार लाख प्रदर्शनकारी हैं. इससे पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने घोषणा की कि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और देश को चलाने के लिए जल्द ही अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा.
जनरल वाकर-उज-जमान ने नागरिकों से बांग्लादेश की सेना पर भरोसा बनाए रखने का आग्रह किया और कहा कि सुरक्षा बल आने वाले दिनों में देश में शांति सुनिश्चित करेंगे.सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि वह जल्द ही राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से मुलाकात करेंगे.
रविवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में 100 से अधिक लोगों की मौत और 1,000 से अधिक लोगों के घायल होने के बाद यह घटनाक्रम हुआ.
बांग्लादेश के प्रमुख अखबार 'द डेली स्टार' ने बताया, तीन सप्ताह से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या 300 को पार कर गई है. नागरिक आंदोलनों के दौरान बांग्लादेश के इतिहास में यह सबसे खूनी दौर. छात्रों के नेतृत्व वाले असहयोग आंदोलन ने पिछले कई हफ्तों में प्रधानमंत्री हसीना के नेतृत्व वाली सरकार पर भारी दबाव डाला.
छात्र 1971 में खूनी गृहयुद्ध में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण को घटाकर पांच प्रतिशत करने के बाद, छात्र नेताओं ने विरोध प्रदर्शन रोक दिया. लेकिन भड़के प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार ने उनके सभी नेताओं को रिहा करने के उनके आह्वान को नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने कहा कि पीएम हसीना को पद से इस्तीफा देना चाहिए. (IANS के इनपुट के साथ)