Sanjay Nirupam On Bangladesh Violence: बांग्लादेश में छात्रों के उग्र प्रदर्शन के बाद शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हो गया है. इसके बाद शेख हसीना अपना मुल्क बांग्लादेश छोड़ भारत पहुंच चुकी हैं. वहीं बांग्लादेश में जारी इस घटनाक्रम को लेकर भारत के राजनेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है. इस बीच शिव सेना एकनाथ शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि पड़ोसी देश अशांत और अस्थिर हो, यह भारत के लिए अनुकूल नहीं होगा.


संजय निरुपम ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण भी है और हमारे लिए चिंताजनक भी. बांग्लादेशियों को आजादी की पहली किरण भारत ने दिखलाई थी. उसके बाद वहां लोकतंत्र स्थापित हो और यह देश कट्टरपंथ की गिरफ्त में ना जाए, भारत ने हमेशा अपनी मर्यादा में रहकर प्रयास किया."


 






उन्होंने आगे लिखा, "आज लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को भरभराकर गिरना पड़ा. शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा. ऐसा नहीं है कि शेख हसीना तानाशाह बन गई थीं. सच यह है कि चीनी सत्ता हसीना सरकार का इस्तेमाल करना चाहती थी।
लेकिन शेख हसीना न झुकीं ना टूटीं. नतीजा सामने है."


शिवसेना नेता ने ये भी कहा, "चीन ने बांग्लादेश के गौरवपूर्ण इतिहास को मिटाने का कुत्सित षड्यंत्र रच दिया. पड़ोसी देश अशांत और अस्थिर हो,यह भारत के लिए अनुकूल नहीं होगा. श्रीलंका जैसी पहल करनी पड़ेगी."