Maharashtra: महाराष्ट्र के तटीय जिले रत्नागिरी के बारसू गांव में प्रस्तावित तेल शोधन कारखाना (रिफाइनरी) का विरोध कर रहे ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार से मुंबई में मुलाकात की. बारसू और आसपास के लोगों का एक गुट प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना का विरोध कर रहा है.


उनको डर है कि रिफाइनरी से तटीय कोंकण क्षेत्र की जैव विविधता को नुकसान होगा और उनकी आजीविका भी प्रभावित होगी. गत शुक्रवार को प्रस्तावित परियोजना स्थल पर तनाव उस समय बढ़ गया, जब प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े.


अजित पवार के ट्विट
पवार ने ट्वीट किया कि सत्यजीत चव्हाण के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने यहां वाईवी चव्हाण सेंटर में उनसे मुलाकात की. बैठक के दौरान राकांपा नेता और राज्य के पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड भी मौजूद थे.उल्लेखनीय है कि गत शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की थी कि स्थानीय लोगों की सहमति के बिना परियोजना का क्रियान्वयन नहीं किया जाएगा. राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने शनिवार को कहा था कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि विकास परियोजनाओं से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचे.


सरकार से की अपील
उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से अपील की थी कि वह सभी हितधारकों से चर्चा करे और यथासंभव सर्वश्रेष्ठ समाधान निकाले. शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शनिवार को दावा किया था कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना को लेकर समन्वय नहीं है. शिवसेना (यूबीटी) प्रदर्शनकारियों का समर्थन कर रही है. बता दें, महाराष्ट्र में बीते कुछ दिनों से बारसू रिफाइनरी परियोजना का लोग जमकर विरोध कर रहे हैं. इस मामले को लेकर उद्धव गुट ने भी एकनाथ शिंदे सरकार पर हमला बोला है.


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