Maharashtra News: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से किनारा कर एक बार फिर एनडीए का थामन थामा है. इसी बीच इंडिया गठबंधन में शामिल तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेताओँ की प्रतिक्रिया आ रही है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार का कहना है कि पटना में जो कुछ भी हुआ, इतने कम समय में ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई. मुझे याद है कि नीतीश कुमार ने ही फोन किया था.


शरद पवार ने कहा कि पटना के सभी गैर-बीजेपी दल, उनकी भूमिका भी ऐसी ही थी, लेकिन पिछले 10-15 दिनों में ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने इस विचारधारा को छोड़ दिया और आज बीजेपी में शामिल हो गए और सरकार बना ली. पिछले 10 दिनों में यह ऐसा नहीं लग रहा था कि वह ऐसा कोई कदम उठाएंगे. इसके विपरीत, वह बीजेपी के खिलाफ भूमिका निभा रहे थे. अचानक क्या हुआ पता नहीं, लेकिन भविष्य में जनता उन्हें उनकी भूमिका के लिए सबक जरूर सिखाएगी.


‘सहयोगी की राय अलग है तो इसमें समस्या क्यों होनी’


नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होकर फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले का कहना है. यह हमारे लिए स्पष्ट रूप से निराशाजनक है क्योंकि वह भारत के एक बड़े नेता हैं. लेकिन यह लोकतंत्र है और हर किसी को महसूस करने का अधिकार है. शेष भारत परिवार अक्षुण्ण रहेगा. हम सिर्फ एक संगठन के रूप में नहीं बल्कि भारत के परिवार के रूप में काम करेंगे. अगर एक सहयोगी की राय अलग है तो इसमें समस्या क्यों होनी चाहिए?


9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार


बिहार में तमाम सियासी अटकलों पर विराम लगाते हुए नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई है. रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 8 मंत्रियों के साथ शपथ ली. हालांकि अभी उनके विभागों का बंटवारा नहीं किया गया है. आज उनके विभागों का बंटवारा किया जा सकता है. 


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