Maharashtra News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर अब एक बार फिर एनडीए का दामन थामा है. रविवार को उन्होंने 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. पिछले कुछ दिनों से बिहार से आरजेडी और जेडीयू के बीच खटास की खबरें आ रही थी, जिसपर रविवार को सस्पेंस खत्म हुआ और नीतीश कुमार ने आरजेडी से अपने रास्ते अलग कर लिए. इस पर अब लगातार इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों के नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है. शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने भी नीतीश कुमार के बीजेपी से गठबंधन को लेकर प्रतिक्रिया दी है.


सांसद संजय राउत ने कहा, "नीतीश कुमार भूलने की बीमारी से जूझ रहे हैं. दो साल में उनकी बीमारी ज्यादा बढ़ गई है. ये मैं नहीं बोल रहा हूं बल्कि जिस पार्टी में वो चले गए हैं." उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुझे याद है कि वो अब बीजेपी में चले गए हैं. कल जब वो दवा खा लेंगे, तब उन्हें पता चलेगा कि वो बीजेपी में आए हैं, फिर वापस वो इंडिया गठबंधन में आ जाएंगे. ये बीमारी बहुत खतरनाक होती है देश, राजनीति और लोकतंत्र के लिए भी.


शिवसेना (यूबीटी) नेता ने आगे कहा, "ये बीमारी सिर्फ सीएम नीतीश कुमार को नहीं हुई है, बल्कि ये बीमारी अमित शाह और प्रधानमंत्री को भी हुई है. यही वो नेता है जो बार-बार कहते थे, नीतीश कुमार को हम नहीं लेंगे, हमारी पार्टी के साथ, कुछ भी हो जाए, वे हाथ जोड़कर भी आए तो भी उन्हें नहीं लेंगे वो बिहार की जनता को वचन दे रहे थे. लेकिन, अब नीतीश कुमार की बीमारी उनको भी लग गई है, वे भी भूल गए हैं."


शरद पवार की भी आई थी प्रतिक्रिया


नीतीश कुमार के बीजेपी में शामिल होने पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार की भी प्रतिक्रिया आई. उन्होंने कहा कि पटना में जो कुछ भी हुआ इतने कम समय में ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी गई. 10-15 दिनों में ऐसा क्या हुआ कि वो अपनी विचारधारा को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. भविष्य में जनता उन्हें जरूर सबक सिखाएगी. 


यह भी पढ़ें: Bihar Political Crisis: नीतीश कुमार के फैसले पर सुप्रिया सुले बोलीं- 'वे भारत के कद्दावर नेता हैं, लेकिन...'