Bird Flu: महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार ने राज्य में बर्ड फ्लू (Bird Flu) फैलने की पुष्टि की है. राज्य के पशुपालन आयुक्त सचिंद्र प्रताप सिंह (Sachindra Pratap Singh) ने कहा कि ठाणे (Thane) के फॉर्म में कई पोल्ट्री बर्ड्स (Poultry Birds) में एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) या बर्ड फ्लू से मरने की पुष्टि होने के बाद राज्य प्रशासन हाई अलर्ट पर है.
बता दें कि विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, देश ने पहले बिहार के एक पोल्ट्री रिसर्च फार्म में संक्रामक एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) वायरस के फैलने की खबर मिली थी. वहीं महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू के प्रकोप के पिछले उदाहरणों को ध्यान में रखते हुए, पशुपालन आयुक्त ने कहा कि पक्षियों में किसी भी असामान्य मृत्यु दर की रिपोर्ट करने के लिए अधिकारी हाई अलर्ट पर थे.
लैब से मिली रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की हुई पुष्टि
पशुपालन आयुक्त ने बताया कि ठाणे की शाहपुर तहसील के फार्म में तकरीबन 200 पोल्ट्री पक्षी थे. इनमें कुछ पक्षियों की 2 फरवरी, 5 फरवरी और 10 फरवरी को मृत्यु हुई थी. इसके बाद 10 फरवरी को मुर्गियो की मौत की सूचना के बाद 11 और 13 फरवरी को सैंपल लिए गए थे और उन्हे पुणे में पशुपालन विभाग के रोग जांच अनुभाग में भेजा गया था. सैंपलों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल को भेजे गए हैं. सिंह ने बताया कि लैब से कल रात मिली रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है.
पोल्ट्री फार्म के एक किलोमीटर के दायरे में रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं
वहीं सिंह ने कहा कि पोल्ट्री फार्म के एक किलोमीटर के दायरे में रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं. इस दौरान 23 हजार 800 बर्ड्स की गिनती भी की गई है. प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी को मारने की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही बर्ड फ्लू के प्रसार की रोकथाम के लिए सभी मूवमेंट भी रोक दिए गए हैं.
क्या है बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लुएंजा
बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लुएंजा भी कहा जाता है. ये वायरल संक्रमण है जो न सिर्फ पक्षियों को संक्रमित करता है बल्कि इंसानों के अलावा अन्य जानवरों को भी चपेट में लेता है. हालांकि, बर्ड फ्लू की कई किस्में हैं. लेकिन एवियन इन्फ्लुएंजा की सबसे आम शक्ल पक्षियों तक सीमित होती है. ये पक्षियों के लिए खतरनाक होता है और संपर्क में आनेवाले इंसानों और जानवरों को आसानी से संक्रमित कर सकता है.फिलहाल, इंसानों से इंसानों तक वायरस के फैलने की पुष्टि नहीं हुई है. संक्रमित पक्षी मल और लार में 10 दिनों तक वायरस छोड़ता रहता है और दूषित सतह के छूने से संक्रमण फैल सकता है.
ये भी पढ़ें
Maharashtra Weather Report: महाराष्ट्र में बारिश ने बढ़ाई ठंड, इन जिलों में हुआ सबसे ज्यादा असर