Nawab Malik: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि फिलहाल महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक के इस्तीफे के लिए दबाव नहीं डालेगी, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया है. अजीत पवार ने कहा कि राज्य सरकार लोक कल्याण के मुद्दों पर विधायिका में चर्चा और बहस के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा, ''हम दो कदम आगे बढ़ सकते हैं या दो कदम पीछे हट सकते हैं लेकिन हम उन मुद्दों पर पीछे नहीं हट सकते, जिन्हें लेकर हम अडिग हैं.'' विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कि मलिक के इस्तीफा देने तक भाजपा सदन को चलने नहीं देगी, पवार ने कहा, ''कई बार, विधायिका में मौजूदा स्थिति के अनुसार निर्णय लिए जाते हैं.''
उन्होंने कहा कि फिलहाल एमवीए सरकार मलिक के इस्तीफे के लिए दबाव नहीं डालेगी. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी मायने रखता है कि गिरफ्तारी कैसे हुई और मलिक ने यह भी कहा है कि उन्हें गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया था. विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के बारे में पवार ने कहा कि सरकार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर चुनाव कार्यक्रम को मंजूरी देने के लिए कहा है. राज्य सरकार में वित्त विभाग का प्रभार संभालने वाले पवार ने कहा कि वह वर्ष 2022-23 के लिए बजट 11 मार्च को पेश करेंगे और मौजूदा सत्र 25 मार्च तक जारी रहेगा.
विपक्ष लगातार मांग रहा इस्तीफा
नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग कर रही है. इस्तीफे की मांग करते हुए उन्होंने कहा, ''महाराष्ट्र में पहली बार कोई मंत्री (नवाब मलिक) सलाखों के पीछे है लेकिन उनका इस्तीफा नहीं लिया गया है. यह अप्रत्याशित है. उन्हें एक छोटे से मामले के लिए जेल नहीं भेजा गया है. उन पर दाऊद इब्राहिम के परिवार से संबंध का आरोप है. दाऊद के साथ नवाब मलिक के संबंधों को साबित करने के लिए पर्याप्त दस्तावेज हैं.''
फडणवीस ने कहा, ''सरकार उनका इस्तीफा क्यों नहीं लेना चाहती? यह 'दाऊद समरपीठ', 'दाऊद शरण' सरकार है. यह सरकार दाऊद के साथ संबंध रखने वाले लोगों को बचाने के लिए एक साथ आ रही है. इसलिए हमने विरोध शुरू कर दिया है और हम मांग करते हैं कि उनका इस्तीफा तुरंत लिया जाए.''
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