Maharashtra: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को महाराष्ट्र की सत्ताधारी महाविकास आघाड़ी सरकार पर पुलिस की मिलीभगत से पार्टी नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसाने की साजिश रचने का आरोप लगाया और इस पूरे प्रकरण की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की.


भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा इस सिलसिले में महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल को 125 घंटे के वीडियो को एक पेन ड्राइव में सौंपे जाने का हवाला दिया. उन्होंने दावा किया कि इस वीडियो में वह सारे सबूत मौजूद हैं कि कैसे महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों के साथ मिलकर भाजपा की आवाज को दबाने के लिए फर्जी मामले दर्ज करने की साजिश रची गई.


उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के भाजपा और विपक्ष के नेताओं देवेंद्र फडणवीस, गिरीश महाजन, सुधीर मुंगत्तीवार और महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल तथा अन्य नेताओं के खिलाफ किस प्रकार साजिशें रची गयीं, वह इस वीडियो में स्पष्ट है.


पूनावाला ने कहा, ‘‘करीब 125 घंटे के वीडियो में वह सारे सबूत मौजूद हैं, वह सारे कबूलनामे मौजूद हैं कि किस प्रकार से भाजपा के नेताओं को दबाने के लिए सबसे ऊंचे स्तर पर बड़ी साजिश को रचा गया. ऐसा इसलिए किया गया ताकि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसाया जाए और राजनीतिक रूप से उनका कत्ल कर दिया जाए.’’ पूनावाला ने कहा कि फडणवीस ने पूरे मामले को राज्य विधानसभा में भी उठाया है और सबूतों को महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष के साथ ही महाराष्ट्र के गृह मंत्री को सौंप दिया है.


उन्होंने कहा, ‘‘इस वीडियो में साफ है कि इस साजिश में सरकार के मंत्री और पुलिस के अधिकारी भी शामिल हैं. इसलिए हमारी ये मांग है कि इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए.’’ भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के विशेष सरकारी वकील प्रवीण पंडित चव्हाण का दफ्तर ‘‘साजिशों का एक अड्डा’’ बन गया है और वहां पुलिस अधिकारियों तथा महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों के साथ मिलकर भाजपा की आवाज को दबाने के लिए फर्जी मामले दर्ज कराने की साजिश रची गई.


महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है. इसे महाविकास आघाड़ी सरकार भी कहा जाता है. फडणवीस ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में भी इस मामले को उठाया था और शिवसेना नीत महाविकास आघाडी सरकार पर अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने और पुलिस विभाग का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया था.


उन्होंने दावा किया है कि वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि सरकारी वकील चव्हाण भाजपा नेता गिरीश महाजन को मकोका के तहत फंसाने और उनकी गिरफ्तारी के लिए मुख्यमंत्री से लेकर राज्य पुलिस महानिदेशक तक के साथ उच्चतम स्तर पर बैठकें कर रहे हैं.


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