Nagpur News: सामाना एक लेख में केंद्रीय मंत्रियों के बंगले पर 10 साल तक किए गए खर्च के मुद्दे को उठाया गया था जिस पर महाराष्ट्र बीजेपी चीफ और मंत्री चंद्रशेखऱ बावनकुले (Chandrashekhar Bawankule ) ने उद्धव ठाकरे को फटकार लगाते हुए कहा, ''उद्धव ठाकरे का इतना बड़ा कद नहीं है कि वह नरेंद्र मोदी के बारे में कुछ बोल सकें. पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने जीवन की शुरुआत चाय बेचने वाले जैसे साधारण पृष्ठभूमि से किया है.''
नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में बावनकुले ने कहा कि पीएम मोदी ने जीवन में बहुत संघर्ष किया है जबकि उनकी तुलना में उद्धव ठाकरे पीएम मोदी के आसपास कहीं नहीं हैं. उन्हें यह समझना होगा कि मोदीजी ने अपना जीवन 140 करोड़ देशावासियों को समर्पित किया है.
केजरीवाल के समर्थन में मोदी के खिलाफ ना बोलें उद्धव - बावनकुले
बावनकुले ने आगे कहा कि उद्धव ठाकरे ने सीएम रहते हुए मंत्रालय या विधान भवन का दौरा दो दिन के लिए भी नहीं किया. उद्धव जी को अरविंद केजरीवाल के समर्थन में पीएम मोदी के खिलाफ कुछ बोलने से पहले आत्ममंथन करना चाहिए.
चंद्रशेखर बावनकुले ने ट्वीट भी किया है. उन्होंने लिखा, ''ढ़ाई साल तक घर में बैठकर ‘अतिविलास’ करने वाले उद्धव ठाकरे सामना के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पर टिप्पणी करते हैं. इसे एक बड़ा मजाक ही कहा जा सकता है. विलासिता का आरोप लगाने वालों को प्रधानमंत्री मोदी जी का जीवन-प्रवास देखना चाहिए. जब एक चायवाला प्रधानमंत्री बनता है, तो वह अपने सादगी और मेहनत के बल पर ही बनता है.''
शीशमहल बनाने वाले की मदद के लिए दौड़े उद्धव - बावनकुले
बावनकुले ने आगे लिखा, ''प्रधानमंत्री मोदी जी के सक्षम नेतृत्व में देश का विकास हो रहा है. मोदी जी ने अपने राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन में हमेशा सादगी को बनाए रखा है. लेकिन, उनका यह सादापन ‘मातोश्री टू’ बनाने वाले उद्धव ठाकरे को नज़र नहीं आएगा. यही वजह है कि वह दिल्ली में शीशमहल बनाने वाले अरविंद केजरीवाल की मदद के लिए दौड़ पड़े हैं.''
उपहारों का मुद्दा बेवजह उठा रहे उद्धव - बावनकुले
प्रधानमंत्री के विदेश दौरे देश की छवि को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को सुदृढ़ करने के लिए होते हैं. उपहारों का मुद्दा बेवजह उठाकर देश के विकास पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है. भारत की वैश्विक स्थिति ऊंची हो गई है, और यही बात आपको असली तकलीफ दे रही है. फिलहाल इतना ही!''
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