Maharashtra News: बीजेपी नेता पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra) के लोग अब निराशा का सामना करने की क्षमता खो चुके हैं. पंकजा ने साथ ही जोर देकर कहा कि वह अब घर पर नहीं बैठेंगी बल्कि जल्द ही राजनीति के युद्ध के मैदान (चुनाव) में उतरेंगी. पंकजा ने बीड जिले के सावरगांव में दशहरा रैली (Dussehra Rally) मराठा आरक्षण समेत कई मौजूदा मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी. बता दें कि पंकजा 2019 में विधानसभा चुनाव हार गईं थीं जिसके बाद उन्हें सरकार में भी जगह नहीं मिल पाई.


पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे ने कहा कि जब राज्य में शिव शक्ति यात्रा चल रही थी तो उन्हें लोगों से जबरदस्त समर्थन मिला. जब उनकी चीनी मिल पर छापा पड़ा तो समर्थकों ने दो दिनों के भीतर ही 11 करोड़ रुपये उनके लिए इकट्ठे कर लिए थे.  पंकजा ने कहा, ''मैं पैसे नहीं लूंगी लेकिन मैं योगदान देने वाले लोगों का आशीर्वाद लूंगी.'' बता दें कि पंकजा के चीनी मिल पर जीएसटी का छापा पड़ा था. उधर, रैली में पंकजा ने कहा, '' क्या आज किसान खुश हैं ? क्या उन्हें फसल बीमा और सरकारी सहायता मिल रही है?'' पंकजा ने बीड के गन्ना काटने वालों का मुद्दा उठाया और कहा कि अगर उन्हें मजदूरी ठीक से नहीं मिली तो वे काम नहीं करेंगे. पंकजा ने आगे कहा, ''अगर मैं उन्हें न्याय नहीं दिला पाई तो अगली दशहरा रैली में अपना चेहरा नहीं दिखाऊंगी.''


 इन लोगों को हराना चाहती हैं पंकजा
पंकजा ने दावा करते हुए कहा, '' ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में मैंने ग्राम पंचायतों के लिए अच्छी सड़कों और कार्यालयों का निर्माण सुनिश्चित किया था और यह नहीं सोचा कि गांव में कौन सा समुदाय प्रभावशाली है. अब मैं दूसरों को हराने के लिए चुनावी मैदान में उतरूंगी. मैं उन लोगों को हराने के लिए काम करूंगी जिनमें राज्य को आगे ले जाने की क्षमता नहीं है.''


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