Maharashtra News: बीजेपी के नेता प्रवीण दरेकर (Pravin Darekar) ने विपक्ष पर फेक नैरेटिव फैलाकर समाज को गुमराह करने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने इस संबंध में मुंबई के पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई है. दरअसल, उन्होंने एक यूट्यूब चैनल के खिलाफ शिकायत भी की है जिसमें यह दावा किया गया था कि जब वह मराठा आरक्षण के आंदोलनकारियों से मिलने गए तो उन्हें भगा दिया गया.


मीडिया से बातचीत में दरेकर ने कहा, ''समाज में गलतफहमियां फैलाई जाती है. मैंने मुंबई के पुलिस कमिश्नर के सामने पेश किया. जो चीज नहीं हुई ऐसा हुआ दिखाया गया. मनोज जरांगे के ऊपर 17 जुलाई को मैंने एक टिप्पणी की, और सवाल खड़े किए. इसके बाद एक यूट्यूब चैनल में 30 जून को समता नगर में पानी का जो मोर्चा हुआ था, उसने इस फोटो का इस्तेमाल कर यह बताया गया कि मराठा समाज  है और मुझे भगाया गया. जबकि फोटो 30 जून का था, घटना 23 जुलाई की थी. फिर 28 जुलाई को जरांगे ने इसी वीडियो के हवाले से कहा कि मराठा समाज ने प्रवीण दरेकर को भगाया. मतलब कैसा मैनुपुलेशन है.''






फेक नैरेटिव से खुद को आगे रखना गलत - प्रवीण
दरेकर ने कहा, ''झूठ बात बोलकर समाज में भ्रम फैलाना. दूसरा फोटो लगाकर गलत वातावरण पैदा करना. फेक नैरेटिव से अपनी चीजें बढ़ाना गलत बात है इसलिए पर्दाफाश पुलिस कमिश्नर से मिलकर किया. उनको सब घटनाक्रम बताया. जो फोटो है उसको लेकर डेट वाइज जानकारी दी. 30 जून का फोटो और 23 जुलाई का बताया गया है.'' 


फडणवीस जी को विलेन बनाने में जुटा विपक्ष - प्रवीण
उधर, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को लेकर  ऐसे दावे विपक्ष द्वारा किए जा रहे हैं कि वह उद्धव ठाकरे के परिवार को फंसाना चाहते थे. इस पर प्रवीण दरेकर ने कहा, ''मराठी में कहा जाता है कि खाली बोलने का काम करना. वो कुछ दिखाते नहीं है. झूठा नैरेटिव  दिखाने की उनकी साजश है. देवेंद्र जी को रोज खलनायक बनाने के लिए अलग-अलग फंडा तैयार करते हैं. महाराष्ट्र की जनता को पूरा पता चल गया है कि फेक नेरेटिव फैलाने का काम महाविकास अघाड़ी करती है. फडणवीस जी की प्रतिमा लोगों के मन में बैठ गई है उनको डर लग रहा है कि फेक नैरेटिव सफल नहीं होगा.''


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