Maratha Reservation Protest News: महाराष्ट्र में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर कई विधायकों ने मराठा समुदाय को आरक्षण की मांग के समर्थन में गुरुवार को दक्षिण मुंबई में राज्य सचिवालय मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन किया. सत्तारूढ़ बीजेपी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दोनों गुटों के साथ-साथ शिवसेना और कांग्रेस के विधायक सुबह सचिवालय के द्वार पर एकत्र हुए और मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर नारे लगाए..


मंत्रालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन
यह लगातार दूसरा दिन है जब विभिन्न राजनीतिक दलों के विधायकों ने कोटा की मांग के समर्थन में मंत्रालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. निर्वाचित प्रतिनिधियों का यह कदम मराठा कार्यकर्ता मनोज जारांगे की अपील के मद्देनजर आया है, जो आरक्षण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं, ताकि राजनेताओं को गांवों में प्रवेश करने से रोका जा सके. इस हफ्ते की शुरुआत में आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र के कई हिस्सों में हिंसा की घटनाएं देखी गईं.


सरकारी बस सेवाएं निलंबित
मराठवाड़ा के पांच जिलों में सरकारी बस सेवाएं निलंबित कर दी गईं, जबकि बीड के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू और इंटरनेट बंद कर दिया गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने राजनीतिक नेताओं के घरों को निशाना बनाया था. मराठा आरक्षण की मांग पर विरोध की एक ताजा लहर के बीच, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने बुधवार को समाधान पर चर्चा करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी.


जरांगे ने सीएम शिंदे से किया सवाल
सर्वदलीय बैठक में नेताओं ने एक प्रस्ताव पारित कर जरांगे से अपना अनिश्चितकालीन अनशन खत्म करने को कहा था, इसके बाद अनशन पर बैठे मनोज जरांगे ने सरकार से पूछा कि मराठों को आरक्षण देने के लिए सरकार को और समय क्यों चाहिए. जबकि सीएम शिंदे ने कहा कि सरकार को आरक्षण लागू करने के लिए कानूनी तौर-तरीकों के लिए समय चाहिए, जारांगे ने पूछा कि अधिक समय की आवश्यकता क्यों है.


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