(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
OBC Reservation: महाराष्ट्र निकाय चुनाव को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने दी ये चेतावानी, जानें क्या कहा?
OBC Reservation: महाराष्ट्र विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने गुरुवार को कहा कि BJP राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण बहाल होने तक राज्य में निकाय चुनाव की अनुमति नहीं देगी.
OBC Reservation in Maharashtra: महाराष्ट्र विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण बहाल होने तक राज्य में निकाय चुनाव की अनुमति नहीं देगी. बीजेपी की यह घोषणा तब सामने आई है जब सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अंतरिम रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिसमें स्थानीय निकाय चुनावों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण की बहाली की सिफारिश की गई थी.
फडणवीस ने कहा, ''महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का ओबीसी आरक्षण के प्रति उदासीन रवैया चौंकाने वाला है. यह ओबीसी आरक्षण की रक्षा करने में बुरी तरह विफल रहा है. एमवीए सरकार की ओर से राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी महाराष्ट्र में ओबीसी के राजनीतिक सशक्तिकरण के प्रति उसकी पूर्ण उपेक्षा के कारण है.''
नहीं होने देंगे निकाय चुनाव
उन्होंने कहा, “हमने स्थानीय निकायों में ओबीसी राजनीतिक आरक्षण बहाल होने तक किसी भी चुनाव की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है. बीजेपी ओबीसी आरक्षण के बिना नागपुर, पुणे, नासिक या अन्य स्थानों पर बीएमसी, जिला परिषद, ग्राम पंचायत, नगर परिषद, नगर निगम चुनाव की अनुमति नहीं देगी.''
बीएमसी चुनाव की तारीख के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, ''हम ओबीसी कोटे के बिना बीएमसी चुनाव की अनुमति नहीं देंगे. अगर बीएमसी का कार्यकाल समाप्त हो जाता है तो सत्तारूढ़ दलों को कुछ महीनों के लिए एक प्रशासक नियुक्त करने दें. लेकिन बिना ओबीसी कोटे के बीएमसी चुनाव कराना समुदाय के साथ पांच साल तक अन्याय होगा.''
सरकार की रिपोर्ट में थी खामी
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए, फडणवीस ने कहा, ''एमवीए सरकार ने बहुत खेदजनक आंकड़ा काट दिया. यह अपना पक्ष रखने में विफल रहा. इसकी गैर-गंभीरता अदालत के समक्ष रखी गई घटिया डेटा रिपोर्ट से स्पष्ट थी. इसमें ओबीसी पिछड़ापन डेटा कैसे संकलित किया गया था, इस पर न तो तारीख और न ही कार्यप्रणाली का उल्लेख किया गया था. एमवीए सरकार की रिपोर्ट ही विरोधाभासी थी. एक तरफ इसने एक रिपोर्ट पेश की जो पुराने डेटा से सिर्फ एक कट और पेस्ट थी. दूसरी ओर, उसने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि वह ओबीसी पर अनुभवजन्य डेटा संकलित नहीं कर सका और इस प्रकार सवाल उठा रहा था कि उसने ओबीसी रिपोर्ट किस आधार पर तैयार की थी. इसने अपनी विफलता को स्वीकार कर अपने आकस्मिक प्रशासनिक दृष्टिकोण को भी उजागर किया.''
Supreme Court directs Maharashtra govt and State Election Commission not to act upon the interim report of Maharashtra State Backward Class Commission which recommended a grant of 27% OBC quota in local bodies election & says local bodies elections be held without OBC reservation pic.twitter.com/n6HFsp1wHA
— ANI (@ANI) March 3, 2022
यहां बता दें कि मार्च 2021 में, सुप्रीम कोर्ट ने समुदायों के पिछड़ेपन पर अनुभवजन्य डेटा के अभाव में स्थानीय निकायों में 27 प्रतिशत ओबीसी कोटा रद्द कर दिया था. अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को 'ट्रिपल टेस्ट' पूरा करने और एक पिछड़ा वर्ग आयोग नियुक्त करने और ओबीसी पर एक अनुभवजन्य डेटा जमा करने के लिए भी कहा था. दिसंबर 2021 में, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित 27 प्रतिशत सीटों के चुनाव पर रोक लगा दी, यह निष्कर्ष निकाला कि राज्य सरकार ने कोटा निर्धारित करने का निर्णय लेने से पहले उसके द्वारा निर्धारित अनिवार्य 'ट्रिपल टेस्ट' का पालन नहीं किया था.
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