घाटकोपर होर्डिंग गिरने के मामले में गिरफ्तार इंजीनियर को मिली जमानत, क्राइम ब्रांच ने क्या कहा?
Manoj Ramakrishna Sanghu Bail: घाटकोपर में होर्डिंग गिरने के मामले में आर्किटेक मनोज रामकृष्ण सांघु को जमानत मिल गई है. कोर्ट ने जमानत देते हुए कई शर्तें रखी है.
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Ghatkopar Hoarding Collapse Case: घाटकोपर होर्डिंग गिरने के मामले में गिरफ्तार बीएमसी-अप्रूव्ड इंजीनियर और आर्किटेक मनोज रामकृष्ण सांघु को मुम्बई के सेशन कोर्ट से जमानत मिल गई है. सांघु को 1 लाख रुपये के श्योरिटी पर जमानत दी गई है.
क्राइम ब्रांच ने किया विरोध
उनकी जमानत का विरोध करते हुए, क्राइम ब्रांच ने कहा कि सांघु ने मुख्य आरोपी इगो मीडिया के निदेशक भावेश भिंडे और कंपनी की पूर्व प्रमुख जाह्नवी मराठे के साथ मिलकर धोखाधड़ीपूर्ण स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी रिपोर्ट जारी करने की साजिश रची थी और उनकी रिहाई से जांच पर असर पड़ सकता है.
कोर्ट ने रखी ये शर्त
एडिशनल सेशन जज वी एम पाथड़े ने कई शर्तों के साथ जमानत मंजूर की, जिसमें कि सांघु को जांच अधिकारी के सामने उपस्थित होना, कोर्ट की अनुमति के बिना देश छोड़कर न जाना, इस मामले के गवाहों को प्रभावित न करना और साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ न करना और इसी तरह के अपराधों में शामिल न होने की बात कही गई है.
क्राइम ब्रांच ने किया ये दावा
आरोप है कि सांघु, जो बीएमसी-अप्रूव्ड आर्किटेक हैं, उन्होंने बिना उचित जांच के होर्डिंग के डिजाइन और स्ट्रक्चर स्टेबिलिटी ऑडिट रिपोर्ट जारी की थी. क्राइम ब्रांच ने यह भी दावा किया कि सांघु के स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट ने 40x40 फीट के होर्डिंग के आकार की अनुमति दी थी, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि संरचना अवैध रूप से 120x140 फीट पर क्यों खड़ी की गई थी.
सांघु के वकील ने जिरह में कहा कि सांघु को झूठा फंसाया गया है और उनका अपराध से कोई सीधा संबंध नहीं है. उन्होंने कहा, "डिजाइन को वीजेटीआई या किसी अन्य मान्यता प्राप्त संस्थान से अप्रूवल के लिए जमा करना इगो मीडिया की जिम्मेदारी थी. वकील ने आगे यह भी कहा की यह बात गलत है कि सांघु मासिक वेतन पर थे.
वकील ने आगे कहा कि सांघु की भूमिका केवल स्ट्रक्चर स्टेबिलिटी ऑडिट रिपोर्ट जारी करने तक सीमित थी और होर्डिंग असाधारण 87 किमी प्रति घंटे की हवा की गति के कारण गिरा. होर्डिंग का निर्माण कार्य किसी अन्य पार्टी द्वारा किया गया था, जिसमें सांघु की कोई भागीदारी नहीं थी.
वहीं सरकारी पक्ष ने जमानत का विरोध किया और कहा कि इस घटना में 17 लोगों की मौत हो गई थी. वीजेटीआई ने सांघु के डिजाइन में खामियां पाई थीं और पुलिस ने सांघु के आर्किटेक सर्टिफिकेट को वेरिफाई करने के लिए मुम्बई यूनिवर्सिटी को लिखा है और रिप्लाय का इंतजार कर रहे हैं.
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