BMC Election: आगामी अवधि में राज्य में नगरपालिका चुनाव होंगे. राज्य के तमाम नगर निगमों की तरह सबकी निगाहें मुंबई नगर निगम चुनाव पर टिकी हैं. इस चुनाव को लेकर हर पार्टी ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. रविवार को उन्होंने उत्तर भारतीयों की एक सभा में शिरकत की थी. अब मुंबई नगर निगम चुनाव की पृष्ठभूमि में शिवसेना ठाकरे समूह ने हिंदी भाषी वोट बैंक को मजबूत करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं.
आगामी चुनाव के लिए शिवसेना ने कसी कमर
बीजेपी, बालासाहेब की शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी, मनसे और अन्य दलों ने मुंबई नगरपालिका चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. चूंकि मुंबई में सभी भाषाई मतदाता हैं, इसलिए सभी पार्टियां उन्हें लुभाने की कोशिश कर रही हैं.
इसमें बताया गया है कि शिवसेना आगामी नगर निगम चुनाव के लिए मुंबई का ठीक से अध्ययन करेगी और प्रांत, भाषा, संस्कृति, मुंबईकरों की समस्याओं जैसे विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी. उसी के तहत उद्धव ठाकरे हाल ही में उत्तर भारतीयों की एक सभा में गए थे. इसलिए, हिंदी भाषी मतदाताओं को लुभाने के विभिन्न प्रयासों से शिवसेना को लाभ होने की संभावना है. हालांकि मुंबई में विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन मराठी भाषा मुंबई की मुख्य पहचान है. उद्धव ठाकरे ने कोरोना काल में पलायन काल में उत्तर भारतीयों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया था. उत्तर भारतीय कार्यकर्ताओं ने भी कोरोना काल में उद्धव ठाकरे को धन्यवाद दिया था.
मुंबई में हिंदी बोलने वालों की संख्या बढ़ी
मुंबई में हिंदी बोलने वालों की संख्या में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 2001 में, मुंबई में हिंदी बोलने वालों की संख्या 25.88 लाख थी. 2011 में यही संख्या बढ़कर 35.98 लाख हो गई. वहीं, मराठी मूलभाषियों की संख्या में 2.64 फीसदी की कमी आई है. 2001 में 45.23 लाख लोगों ने कहा कि मराठी उनकी मातृभाषा है.
2011 में यही बढ़कर 44.04 लाख हो गई. 2011 की जनगणना के अनुसार, यह स्पष्ट है कि मुंबई में हिंदी बोलने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है. कहा जाता है कि पिछले 11 सालों में काफी बदलाव आया है. इसलिए, यह स्पष्ट है कि आगामी मुंबई नगरपालिका चुनावों के लिए सभी दलों को हिंदी भाषी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास करना होगा.