BMC Election 2025: राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना लोकल चुनाव ने बीजेपी के साथ जाने की तैयारी कर रही है. ऐसे में राज ठाकरे 30 जनवरी की सुबह 10 बजे कार्यकर्ताओं को संबोधित करने जा रहे हैं. इस रैली मे राज ठाकरे बीजेपी के साथ गठबंधन की घोषणा करेंगे या फिर एक बार राज ठाकरे अपने बल पर ही चुनाव लड़ेंगे, इस पर सभी की नजरें होंगी.
दरअसल, लोकसभा चुनाव मे राज ठाकरे ने नरेंद्र मोदी के नाम पर बीजेपी को समर्थन दिया था लेकिन दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव मे राज ठाकरे ने एकला चलो नारा दिया. दोनों चुनाव मे राज ठाकरे की पार्टी को नुकसान हुआ था इसलिए कार्यकर्ता अब बीजेपी के साथ गठबंधन करने के लिए राज ठाकरे पर दबाव डाल रहे हैं.
राज ठाकरे ने पार्टी के मुख्य नेताओं से बात की
पिछले महीने राज ठाकरे ने अपने मुख्य नेताओं से बातचीत की थी. इस बातचीत में बीजेपी के साथ गठबंधन करने की बात हुई थी. इसी चर्चा को लेकर राज ठाकरे आगे चल रहे हैं. मुंबई मे पिछले 25 सालों से उद्धव ठाकरे की पार्टी की सत्ता रही है. विधानसभा की सरकार उखाड़ फेंकने के बाद अब एनडीए सरकार, ठाकरे को बीएमसी चुनाव मे धूल चटाने के लिए तैयार है.
इसलिए बीजेपी कर सकती है गठबंधन
महाराष्ट्र मे बीजेपी शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस एक साथ हैं. बीजेपी और शिवसेना की ताकत मुंबई में उद्धव ठाकरे के बराबर है, लेकिन उद्धव ठाकरे को हराने के लिए और एक 'ठाकरे ब्रैंड' की जरूरत होगी, इसलिए राज ठाकरे का बीजेपी के साथ गठबंधन होने की संभावना है.
क्या है बीएमसी का गणित?
मुंबई में 228 वार्ड की एक महानगर पालिका है. 2017 साल मे बीएमसी के चुनाव हुए थे, जिसमें किस पार्टी ने कितनी सीट जीती थीं, आइए जानते हैं.
शिवसेना– 96
बीजेपी– 82
कांग्रेस– 29
राष्ट्रवादी कांग्रेस– 8
समाजवादी पार्टी– 6
एआईएमआईएम– 2
मनसे– 1
अभासे– 1
लोकसभा चुनाव मे राज ठाकरे ने भाजपा को समर्थन दिया था, जबकि विधानसभा चुनाव राज ठाकरे ने अकेले लड़ा था. हालांकि इस विधानसभा चुनाव में राज ठाकरे की मनसे एक भी सीट नहीं जीत पाई.
राज ठाकरे के पार्टी का इतिहास?
राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़ने के बाद साल 2006 में एमएनएस बनाई और 2009 में पहले ही विधानसभा चुनाव 145 सीटें लड़कर 13 सीटें जीतीं थी. 2014 मे 188 सीटें और 2019 मे 140 सीटें लड़कर एमएनएस एक-एक सीट जिती. 2024 की विधानसभा मे राज ठाकरे ने अपने बेटे अमित ठाकरे को चुनाव में उतारा था लेकिन जिता नहीं पाए.
विधानसभा में हार के बाद बीएमसी में गठबंधन?
इस चुनाव मे राज ठाकरे को बुरी तरह शिकस्त मिली, इसलिए बीएमसी चुनाव के लिए अब राज ठाकरे गठबंधन का रास्ता ढूंढ रहे हैं. मराठी मानुस के मुद्दे को लेकर, हिंदूत्व का अजेंडा चालते आए हैं. पार्टी की शुरुआत में उत्तर भारतीयों के खिलाफ राज ठाकरे ने आंदोलन छेड़ा था. प्ररप्रांतियो का मुद्दा बनाकर राज ठाकरे की पार्टी के कार्यकर्ता मारपीट करते नजर आए.
यूबीटी को होगा फायदा?
अब यही मुद्दा राज ठाकरे और बीजेपी को गठबंधन के बीच आ सकता है. दूसरी बात यह है कि अगर राज ठाकरे एनडीए में जुड जाते हैं तो एकनाथ शिंदे का क्या होगा? उनकी पार्टी मुंबई मे चुनाव कैसे लड़ेगी? क्या इसमें यूबीटी को फायदा होगा या फिर नुकसान?
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