Road Construction In Mumbai: बीएमसी ने करीब 60 फीसदी सड़कों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है. इन सड़कों की मरम्मत की योजना साल के शुरुआत में बनाई गई थी. इंडियान एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीएमसी के सड़क और यातायात विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल की शुरुआत में नई 505 सड़कों की मरम्मत के लिए 2,210 करोड़ रुपये के ठेके ठेकेदारों को दिए गए हैं. वहीं, अधिकारियों का कहना है कि अब तक 295 सड़कों पर काम शुरू हो चुका है, शेष बचीं 210 सड़कों की मरम्मत में समय लगेगा क्योंकि उसके लिए ट्रैफिक पुलिस की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया जाएगा, ताकि ट्रैफिक जाम से बचा जा सके.
सड़कों को सीमेंट से बनाने पर जोर
बता दें कि सड़कों की गुणवत्ता में सुधार के लिए नगर निकाय सीमेंट की सड़कें बनाने पर ज्यादा ध्यान दे रहा है. बीएमसी ने 211 किलोमीटर सीमेंट की सड़क बनाने की योजना बनाई है. बता दें की सीमेंट से बनी सड़कों की आयु 25 साल के करीब होती है. अब तक 1 हजार किमी से अधिक सड़क नेटवर्क को सीमेंट कंक्रीट में बदल दिया गया है. इससे मानसून के दौरान गड्ढों की समस्या भी दूर हो जाएगी.
मरम्मत के लिए 1,977 सड़कें चिह्नित
मास्टर प्लान के अनुसार बीएमसी ने 1 हजार 977 सड़कों को चिह्नित किया है, जिन्हें 2022-23 और 2026-27 के बीच सीमेंट में बदल दिया जाएगा. सड़क विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि चूंकि मानसून सिर पर है इसलिए काम को फिलहाल बंद कर अक्टूबर से फिर से काम शुरू किया जाएगा. इन नई सड़कों के निर्माण कार्य के अलावा पिछले साल से 217 सड़कों की मरम्मत का कार्य भी चल रहा है. बीएमसी ने सीएमटी की सड़कों के साथ नालिकाएं (डक्ट) बनाने के लिए भी एक सर्कुलर जारी किया है. इस वित्त वर्ष में पूरे शहर में 25 किमी सीमेंट की सड़क के साथ-साथ डक्ट स्थापित होने की भी उम्मीद है.
डक्ट निर्माण को राजी नहीं हो रहे अधिकारी
हालांकि ठेकेदार और सड़क विभाग के निचले स्तर के अधिकारियों का कहना है कि इस स्तर पर डक्ट के निर्माण कार्य में काफी समय लग सकता है, इसलिए वह डक्ट के काम में अनिच्छा दिखा रहे हैं. बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि डक्ट की अनुपस्थिति मुंबई की सड़कों के गड्ढों से भरे होने के सबसे बड़े कारणों में से एक है. कई बार आवश्यक डक्ट बनाने के लिए मरम्मत की गई सड़कों की खुदाई की गई है. उन्होंने कहा कि जब एक बार मूल सतह क्षतिग्रस्त हो जाती है तो सड़कों पर गड्ढ़ों का खतरा बढ़ जाता है. बता दें कि शहर में 40 से अधिक सुविधाएं जैसे गैस, पानी, वर्षा के जल की निकासी, दूरसंचार और बिजली की सुविधाएं डक्ट के माध्यम से ही लोगों तक पहुंचाई जाती हैं.
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