Bombay HC On Uddhav Thackeray: बॉम्बे हाई कोर्ट ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप वाले एक मामले में उद्धव ठाकरे को बड़ी राहत दी है. हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने हाल ही में माना कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (UBT) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ जुर्माना भी लगाया.


हाई कोर्ट ने कहा कि नांदेड़ में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान एक महंत (पुजारी) की ओर से उन्हें भेंट की गई पवित्र भस्म को माथे पर न लगाकर उन्होंने धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई.


लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस संजय मेहरे ने याचिकाकर्ता मोहन चव्हाण पर 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया और उन्हें साफ तौर से कहा कि वह उक्त भारी राशि डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) के माध्यम से उद्धव ठाकरे को अदा करें.


जस्टिस संजय मेहरे ने 29 अगस्त को पारित आदेश में कहा, "यह एक दिलचस्प मामला है. तथ्यों पर विचार करते हुए, प्रथम दृष्टया कानून की थोड़ी भी जानकारी रखने वाला हर व्यक्ति यही कहेगा कि यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग या मशहूर होने और सेलिब्रिटी बनने के लिए न्यायिक प्रणाली का इस्तेमाल करने के अलावा और कुछ नहीं है.''


अदालत ने आगे कहा, ''ऐसी याचिकाएं समाज के सम्मानित सदस्यों की छवि को खराब करती हैं. ज्यादातर बार इस तरह की याचिकाएं किसी गुप्त मकसद से दायर की जाती हैं." जस्टिस मेहरे ने आगे कहा कि मजिस्ट्रेट ने याचिकाकर्ता की शिकायत पर सही ढंग से विश्वास नहीं किया और याचिका खारिज कर दी. सेशन कोर्ट ने भी कानूनी और सही काम किया है.''


कोर्ट ने ये भी कहा, "महाराष्ट्र राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोप मूल रूप से बिना किसी आधार के प्रतीत होते हैं. कोर्ट का मानना ​​है कि यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए लागत लगाने का एक उपयुक्त मामला है." याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस लेने की मांग की. 


बेंच ने इसे अनुमति देते हुए कहा, "याचिकाकर्ता को रिट याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाती है, साथ ही दो लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा, जिसे याचिकाकर्ता को आज से तीन सप्ताह के भीतर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को देना होगा और अनुपालन रिपोर्ट इस अदालत में पेश करनी होगी''.


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