Bombay High Court: बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को दो बहनों की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दी. दोनों बहनें 13 बच्चों का अपहरण कर उनमें से कुछ की हत्या के आरोप में सजा काट रही हैं. साल 1990 से लेकर 1996 में दोनों बहने बच्चों का अपहरण करती थीं जिनमें से 9 बच्चों की उन्होंने हत्या कर दी व बाकी बच्चों का इस्तेमाल पर्स चोरी करने व चेन तोड़ने के लिए करती थी.
रेनुका शिंदे व सीमा गवित दोनों बहनें कोल्हापुर की रहने वाली हैं. साल 2006 में ने भी दोनों बहनों की मौत की सजा को मंजूरी दे दी थी, साथ ही सरकार भी दोनों बहनों को मौत की सजा देने के पक्ष में है. हालांकि कोर्ट ने दोनों बहनों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने के पीछे सरकार की ओर से की गई देरी को बताया है.
कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने दोषियों की दया याचिका को 7 साल तक अपने पास रखा व उस पर कोई फैसला नहीं दिया. न्याय में हुई देरी के कारण ही कोर्ट ने दोनों बहनों को ये राहत दी है. हालांकि दोनों बहनों की रिहाई के फैसले को कोर्ट ने राज्य सरकार पर छोड़ दिया है. कोर्ट ने कहा कि दोनों बहनें पिछले 25 साल से जेल में बंद हैं ऐसे में जेल में रखा जाए या रिहा किया जाए इस पर फैसला राज्य सरकार ले.
सीरियल किलिंग की दुनियाभर में हुई थी चर्चा
इस सीरियल किलिंग की चर्चा केवल देश में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में चर्चा में रहा था. पुलिस और सीआईडी भी इस मामले को लेकर हैरान रह गई थी. पुलिस को भी इस सीरियल किलिंग के ज्यादा सबूत नहीं मिले थे. तमाम कोशिशों के बाद भी पुलिस केवल 6 बच्चों की हत्या के सबूत ही जुटा पाई थी. इस मामले दोनों बहनों के साथ उनकी मां अंजनाबाई गावित को भी गिरफ्तार किया गया था. हालांकि अंजनाबाई गावित की जेल में ही मौत हो गई थी.