Maharashtra: बॉम्बे HC से नारायण राणे को राहत, BMC को नियमित करने पर फैसला लेने का दिया निर्देश
Maharashtra News: बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के मालिकाना हक वाली कंपनी की अर्जी पर सुनवाई और फैसला करने का निर्देश दिया.
Maharashtra News: बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के मालिकाना हक वाली कंपनी की अर्जी पर सुनवाई और फैसला करने का निर्देश दिया. अर्जी में उपनगर जुहू में स्थित राणे के बंगले में कथित अनधिकृत बदलावों को मंजूरी देने का अनुरोध किया गया है.
न्यायमूर्ति अमजद सैयद और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ ने कहा कि अगर किसी प्रतिकूल आदेश के मामले में नगर निकाय कोई फैसला ले लेता है तो इसके बाद तीन हफ्तों की अवधि तक कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. अदालत ने कालका रियल एस्टेट की याचिका का निस्तारण कर दिया. ‘आदिश’ बंगला इसी कंपनी का है. राणे और उसके परिवार के सदस्य कंपनी में अंशधारक हैं और वे इस बंगले में रहते हैं.
याचिका में कंपनी, राणे तथा उनके परिवार को जुहू के बंगले में कथित अवैध बदलाव कराने को लेकर मुंबई नगर निकाय द्वारा जारी नोटिस को चुनौती दी गयी थी. राणे ने इस याचिका में नगर निकाय के अधिकारी के आदेशों और बीएमसी द्वारा 25 फरवरी, चार मार्च और 16 मार्च 2022 को जारी नोटिस रद्द करने का अनुरोध करते हुए निगम की इस कार्यवाही को ‘‘गैरकानूनी तथा उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन’’ बताया है.
याचिकाकर्ता कंपनी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मिलिंद साठे ने मंगलवार को दलील दी कि मौजूदा मामले में बीएमसी कानून का पालन नहीं कर रही है और उन्होंने दावा किया कि कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. वहीं, बीएमसी के वकील अस्पी चिनॉय ने आरोप लगाया कि बंगले में कई अवैध बदलाव किए गए हैं. अदालत ने कहा कि अगर बदलावों को नियमित करने का अनुरोध करने वाली अर्जी दायर की जाती है तो उसे सुना जाना चाहिए और फैसला लेना चाहिए. शिवसेना के नियंत्रण वाली बीएमसी ने गत सप्ताह भारतीय जनता पार्टी के सांसद राणे को एक नोटिस जारी कर उन्हें बंगले ‘आदिश’ में किए बदलावों को हटाने का निर्देश दिया था.
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