Maharashtra: 'मराठी के साथ किसी भाषा के इस्तेमाल पर रोक नहीं', साइन बोर्ड पर बॉम्बे HC की टिप्पणी
Patur Municipal Council: महाराष्ट्र में पातुर म्युनिसिपल काउंसिल के साइनबोर्ड में मराठी के साथ-साथ उर्दू में भी नगर निकाय का नाम प्रदर्शित किया गया है. वर्षा बागड़े ने इसके खिलाफ याचिका दायर की थी.
Bombay HC on Signboards: बॉम्बे हाईकोर्ट ने साइनबोर्ड की भाषा को लेकर बड़ी टिप्पणी की. बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने कहा है कि राज्य की आधिकारिक भाषा मराठी के साथ किसी भी भाषा में नगरपालिका परिषदों के लिए साइनबोर्ड लगाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. जस्टिस अविनाश घरोटे और एम एस जावलकर की खंडपीठ ने इस पर 10 अप्रैल को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पातुर नगर परिषद के उस साइनबोर्ड को हटाने की मांग की गई थी.
पातुर म्युनिसिपल काउंसिल के साइनबोर्ड में मराठी के साथ-साथ उर्दू में भी नगर निकाय का नाम प्रदर्शित किया गया है. अदालत ने कहा कि आधिकारिक भाषा के अलावा किसी भी भाषा के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
वर्षा बागड़े ने दायर की थी याचिका
वर्षा बागड़े की ओर से दायर याचिका में अदालत से अकोला जिला मराठी भाषा समिति के अध्यक्ष को पातुर नगर परिषद के साइनबोर्ड पर उर्दू के इस्तेमाल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई. बागड़े ने कहा कि साइनबोर्ड पर मराठी के अलावा कोई और भाषा महाराष्ट्र स्थानीय प्राधिकरण (आधिकारिक भाषा) अधिनियम, 2022 के तहत नागरिक प्राधिकरणों पर प्रतिबंध लगाता है.
साइनबोर्ड में किसी भी भाषा का करें इस्तेमाल- हाईकोर्ट
याचिकाकर्ता वर्षा बागड़े ने कहा कि अधिनियम के प्रावधानों का मतलब यह है कि केवल मराठी ही आधिकारिक भाषा होगी और किसी अन्य भाषा की अनुमति नहीं है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अधिनियम के प्रावधान केवल यह सुनिश्चित करते हैं कि परिषद का व्यवसाय और मामले मराठी में संचालित हों. जहां तक साइनबोर्ड के निर्माण और नगरपालिका परिषद के नाम के प्रदर्शन का सवाल है, यह नाम प्रदर्शित करने के लिए, मराठी में नाम प्रदर्शित करने के अलावा, किसी अतिरिक्त भाषा के उपयोग पर रोक नहीं लगाता है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने आगे कहा कि अपने भवन पर नगर परिषद का नाम प्रदर्शित करने के लिए अतिरिक्त भाषा का उपयोग अधिनियम के किसी भी उल्लंघन का संकेत नहीं है.
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