'मृतक आरोपी के परिजनों को ना मिले सजा', बदलापुर यौन शोषण मामले में बॉम्बे HC की टिप्पणी
Bombay High Court News: बदलापुर यौन शोषण मामले में आरोपी के माता-पिता को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि उनकी गलती नहीं है. उन्हें कष्ट क्यों सहना चाहिए? उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए.

Badlapur Sexual Assault Case: बदलापुर यौन शोषण मामले में आरोपी के माता-पिता को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है. हाई कोर्ट गुरुवार (19 दिसंबर) को कहा कि इस मामले में मृतक आरोपी के माता-पिता को सजा नहीं दिया जाना चाहिए. अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से यह भी देखने को कहा कि क्या वह उनके आश्रय और रोजगार की व्यवस्था कर सकती है.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने मामले में आरोपी के माता-पिता से संक्षेप में बात की. सितंबर के महीने में इस मामले में पुलिस के साथ कथित गोलीबारी में आरोपी मारा गया था.
आरोपी के माता-पिता ने अदालत से क्या कहा?
आरोपी को अगस्त में ठाणे जिले के बदलापुर में एक स्कूल के शौचालय के अंदर दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वह वहां एक अटेंडेंट के तौर पर काम करता था. माता-पिता ने अदालत को बताया कि उनके बेटे की गिरफ्तारी के बाद से वे जहां भी जाते हैं उन्हें निशाना बनाया जाता है और यहां तक कि बदलापुर में अपने घर में भी रहने में असमर्थ हैं.
हम कल्याण रेलवे स्टेशन पर रह रहे- आरोपी के माता-पिता
आरोपी के माता-पिता ने अदालत को बताया, ''हमें हमारे घर से बाहर निकाल दिया गया है. हम कल्याण रेलवे स्टेशन पर रह रहे हैं. हमें कोई नौकरी भी नहीं मिल पा रही है. हमारे पास पैसे नहीं हैं,'' बेंच ने तब सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर से यह देखने के लिए कहा कि क्या राज्य सरकार या किसी एनजीओ के माध्यम से माता-पिता को कोई मदद की जा सकती है.''
आरोपी के माता-पिता की गलती नहीं- हाई कोर्ट
अदालत ने कहा, ''वे (माता-पिता) आरोपी नहीं हैं. यह उनकी गलती नहीं है. उन्हें कष्ट क्यों सहना चाहिए? उनके बेटे पर जिस चीज के लिए आरोप है, उसके लिए उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए. क्या किया जा सकता है? क्या उन्हें सरकार की मदद से कहीं पुनर्वासित नहीं किया जा सकता? कुछ एनजीओ उन्हें नौकरी या आश्रय ढूंढने में मदद कर सकते हैं. उन्हें जीवित रहने और आजीविका प्राप्त करने में सक्षम होने की आवश्यकता है.''
अदालत ने मामले को 13 जनवरी, 2025 को आगे की सुनवाई के लिए रखा है. कथित यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. कोर्ट ने सरकार को स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाने का निर्देश दिया. समिति को जनवरी 2025 में अपनी रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है.
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