लखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को झटका, उम्रकैद की सजा
Lakhan Bhaiya Encounter Case: लखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने का आदेश दिया है.
Lakhan Bhaiya Encounter Case News: बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवंबर 2006 के लखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं. कार्ट ने उन्हें तीन सप्ताह के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया है. आज यानी मंगलवार (19 मार्च) को बॉम्बे हाई कोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस गौरी गोडसे की बेंच ने 2006 के लखन भैया एनकाउंटर मामले से संबंधित कई याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया.
33 वर्षीय लखन भैया का असली नाम रामनारायण गुप्ता था, लखन भैया पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज था. उसे 11 नवंबर, 2006 को मुंबई पुलिस की एक टीम ने छोटा राजन गैंग के संदिग्ध सदस्य के रूप में उठाया था और फिर उसी शाम मुंबई के वर्सोवा इलाके में लखन भैया का एनकाउंटर हो गया था. इस कथित फर्जी एनकाउंटर को लीड पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने किया था, साल 2013 में, मुंबई की एक सत्र अदालत ने इस मामले में 13 पुलिसकर्मियों सहित 21 लोगों को दोषी ठहराया और सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने इसी मामले में प्रदीप शर्मा को बरी कर दिया था.
न्यूज़ के जरिए पता चला एनकाउंटर का पता
राम प्रसाद गुप्ता ने प्रदीप शर्मा को बरी करने के खिलाफ अपील दायर की थी और दोषियों को मृत्युदंड दिए जाने की मांग की थी. अदालत की तरफ से अपना आदेश सुरक्षित रखने से पहले, राम प्रसाद गुप्ता ने सजा को बढ़ाने की मांग वाली अपनी 2013 की याचिका वापस ले ली थी. गुप्ता ने आगे बताया की उन्हें तो उसी समय यह अहसास हो गया था की उनके भाई का एनकाउंटर हो सकता है. इसके बावजूद उन्होंने अपने भाई को बहुत ढूंढा पर वो नहीं मिला और अंत में उन्हें न्यूज़ चैनल पर चली खबर से पता चला कि उनके भाई का एनकाउंटर हो गया है.
प्रदीप शर्मा के अलावा जो 12 पुलिसकर्मी थे उनके नाम पुलिस इंस्पेक्टर प्रदीप सूर्यवंशी, (लखन भैया को दो गोलियां मारी) असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर नितिन सरतापे और दिलीप पांडे, पुलिस सब इंस्पेक्टर गणेश हरपुडे और आनंद पटाडे; पुलिसकर्मी रत्नाकर कांबले, तानाजी देसाई (इसने एक गोली मारी थी), प्रकाश कदम, पांडुरंग कोकम, संदीप सरदार, देवीदास सकपाल, विनायक शिंदे. कोर्ट ने 6 प्राइवेट व्यक्ति को बरी किया है. उनके नाम शैलेंद्र पांडे (पांडे पर अपहरण का आरोप था), अखिल खान, मनोज राज, सुनील सोलंकी, मोहमद शेख, और सुरेश शेट्टी है.
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