Bombay High Court News: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से सवाल करते कहा कि राज्य सरकार (State Government) पूरी तरह से टीकाकरण (Vaccination) वाले व्यक्तियों के लिए ट्रेन यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के अपने आदेश को वापस ले. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने कहा कि जो बीत गया उसे जाने दीजिए, एक नई शुरूआत होने दे. राज्य के मुख्य सचिव देबाशीष चक्रवर्ती आज मंगलवार को अदालत को यह सूचित करेंगे की क्या राज्य सरकार केवल पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों को ही उपनगरीय रेलगाड़ियों में यात्रा करने के आदेश देने का अपना फैसला वापस लेगी.
बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता औऱ जस्टिस एम एस कार्णिक की खंडपीठ दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें यह मांग की गई थी कि मुंबई महानगर क्षेत्र के सभी लोगों को लोकल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति दी जाए. इसके लिए भले ही यात्री ने कोविड वैक्सीनेशन लिया हो या न लिया हो. हाईकोर्ट में दायर इन जनहित याचिकाओं में महाराष्ट्र सरकार द्वारा पिछले साल जुलाई में पारित तीन अधिसूचना को चुनौती दी गई थी, जिसमें बिना वैक्सीन लिए हुए लोगों को मुंबई के लोकल ट्रेन में यात्रा करने की इजाजत नहीं दी गई थी.
सरकार ने लिया एकतरफा निर्णय
हाईकोर्ट में हुई पिछली सुनवाई में अदालत ने राज्य सरकार द्वारा पारित उन तीनों अधिसूचनाओं की फाइल मांगी थी, जिन्हे कोर्ट में चुनौती दी गई थी. अदालत ने यह महसूस किया था कि बिना वैक्सीन लिए यात्रियों को लोकल ट्रेन में यात्रा करने से रोकने का निर्णय तत्कालीन मुख्य सचिव सीताराम कुंटे द्वारा एकतरफा लिया गया था.
सरकार को आदेश लेना होगा वापस
सोमवार को इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव को राज्य सरकार द्वारा पारित इस आदेश को वापस लेना होगा. उनसे पहले के मुख्य सचिव ने जो कुछ भी किया वह कानून के अनुरूप नहीं है. कोर्ट ने राज्य सरकार को साफ तौर पर कहा कि सरकार इस निर्णय को वापस ने औऱ सभी लोगों को यात्रा करने की अनुमति दें. कोविड-19 की स्थिति में सुधार हुआ है. महाराष्ट्र ने इसे बहुत अच्छी तरह से संभाला है. आप बदनामी क्यों लेना चाह रहे हैं?’’. हाईकोर्ट ने राज्य सराकर को मंगलवार को दोपहरतक मुख्य सचिव से जवाब दाखिल करने को कहा है.
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