48 वोटों से जीत मामले में आया हाई कोर्ट का फैसला, शिवसेना सांसद ने ली राहत की सांस
Ravindra Waikar Vs Amol Kirtikar: लोकसभा चुनाव में करीबी मुकाबले में उद्धव ठाकरे गुट के नेता अमोल कीर्तिकर को हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें शिंदे गुट के रवींद्र वायकर ने हराया था.
Ravindra Waikar Vs Amol Kirtikar: बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार (19 दिसंबर) को लोकसभा चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार रहे अमोल कीर्तिकर की याचिका खारिज कर दी. उन्होंने एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के नेता रवींद्र वायकर की जीत को चुनौती दी थी.
कीर्तिकर ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट से मुंबई उत्तर-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में वायकर के चुनाव को रद्द करने की मांग की थी. हालांकि जस्टिस संदीप मार्ने की एकल पीठ ने याचिका खारिज कर दी.
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के नेता कीर्तिकर ने अपनी याचिका में दावा किया कि मतगणना के दिन ही उन्होंने मतों की पुनर्गणना की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था. कीर्तिकर लोकसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के वायकर से 48 वोटों के मामूली अंतर से हार गए थे.
याचिका में क्या है दावा?
वायकर को 452644 वोट मिले, वहीं कीर्तिकर को 452596 वोट मिले. शिवसेना (यूबीटी) नेता ने अपनी याचिका में दावा किया कि मतगणना प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए नियुक्त चुनाव अधिकारियों की ओर से कई गंभीर चूक हुई, जिसके कारण चुनाव परिणाम प्रभावित हुए.
याचिका में कहा गया कि वास्तविक मतदाताओं के स्थान पर 333 फर्जी मतदाताओं द्वारा डाले गए वोटों को गलत तरीके से स्वीकार किया गया. जिससे मतगणना प्रक्रिया से संबंधित नियमों/आदेशों का उल्लंघन हुआ. इसमें आगे आरोप लगाया गया है कि मतगणना के समय रिटर्निंग अधिकारी ने बहुत जल्दबाजी और स्पष्ट मनमानी दिखाई. कीर्तिकर ने याचिका में अदालत से पूरी मतगणना प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी तलब करने की मांग की.
वायकर ने बदला पाला
रवींद्र वायकर एक समय में उद्धव ठाकरे के करीबियों में थे. हालांकि उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे का हाथ काम लिया. पार्टी ने उन्हें मुंबई उत्तर-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया और उन्होंने करीबी मुकाबले में जीत दर्ज की.
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