Maharashtra Bandh: महाराष्ट्र के बदलापुर में दो बच्चियों के साथ स्कूल में यौन उत्पीड़न के खिलाफ विपक्षी दलों ने बंद का ऐलान किया है. ये मामला शुक्रवार (23 अगस्त) को बॉम्बे हाई कोर्ट में पहुंचा.


इस दौरान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को बंद करने की इजाजत नहीं है. अगर कोई ऐसा प्रयास कर रहा होगा तो उसके खिलाफ नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाए.


याचिका में क्या है दावा?


महाराष्ट्र बंद के खिलाफ डॉक्टर गुणरत्न सदावर्तेन और अन्य लोगों ने याचिका दाखिल की. इसमें आरोप लगाया गया है कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए महाविकास अघाड़ी (MVA) ने बंद बुलाया है. बंद से स्कूल, कॉलेज, अस्पताल समेत आम जनता को परेशानी होगी. 


सरकार के वकील ने क्या कहा?


इस याचिका पर चीफ जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की खंडपीठ में सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता डॉ. बीरेंद्र सराफ ने कोर्ट में कहा किप्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


इस दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि अगर इस संदर्भ में नियम है और सुप्रीम कोर्ट ने भी इससे पहले निर्देश दिए हैं तो हमारे हस्तक्षेप की क्यों आवश्यकता है.


हाई कोर्ट पहुंचा बदलापुर केस


बता दें कि बदलापुर यौन उत्पीड़न केस का भी हाई कोर्ट ने गुरुवार (22 अगस्त) को संज्ञान लिया था. इस दौरान हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की और कहा कि अगर स्कूल ही सुरक्षित नहीं है तो शिक्षा के अधिकार और अन्य चीजों के बारे में बात करने का क्या मतलब है?


साथ ही हाई कोर्ट ने मामले की जानकारी छिपाने पर स्कूल प्रशासन के खिलाफ पॉक्सो के तहत मामला दर्ज करने को कहा. इसके बाद अब मामले की जांच कर रही एसआईटी ने स्कूल के खिलाफ पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया है.


बदलापुर केस में विपक्षी दलों का आरोप है कि स्कूल बीजेपी नेता का है, इसलिए यौन उत्पीड़न के मामले में छुपाने की कोशिश हुई. विरोध के बाद एफआईआर दर्ज की गई. बता दें कि बदलापुर रेलवे स्टेशन पर पिछले दिनों सैकड़ों की संख्या में भीड़ ने प्रदर्शन किया था. इसकी वजह से 10 घंटे तक सेवाएं बाधित रही.


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