Shiv Sena MLAs Row: बॉम्बे हाई कोर्ट ने शिवसेना (शिंदे) के मुख्य सचेतक भरत गोगावले द्वारा दायर याचिका पर शिवसेना यूबीटी को नोटिस जारी किया, जिसमें 14 शिवसेना (यूबीटी) विधायकों को अयोग्य न ठहराने के स्पीकर के आदेश को चुनौती दी गई है. उद्धव ठाकरे गुट ने जून 2022 में विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले सेना गुट को "वास्तविक राजनीतिक दल" घोषित करने के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. इसके बाद शिंदे गुट ने HC में याचिका डाली थी.


उद्धव गुट ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
 दोनों शिवसेना गुटों ने अयोग्यता की मांग की थी. 2022 में पार्टी विभाजन के बाद दल-बदल विरोधी कानूनों के तहत एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी. उद्धव ठाकरे गुट की याचिका में शिंदे सहित सत्तारूढ़ गुट के 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच, शिंदे ने उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की थी. हालांकि, स्पीकर राहुल नार्वेकर ने 10 जनवरी को अपने फैसले में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों खेमों द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं को खारिज कर दिया था.


नार्वेकर ने 2018 में ठाकरे द्वारा नेतृत्व संरचना में बदलावों को भी खारिज कर दिया और कहा कि वे 1999 के शिवसेना संविधान के अनुरूप नहीं थे, न ही चुनाव आयोग के पास इन संशोधनों का कोई रिकॉर्ड था. इसके अलावा, अध्यक्ष ने कहा कि तत्कालीन मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने पद पर बने रहने की पार्टी की इच्छा को प्रतिबिंबित नहीं किया, क्योंकि 21 जून 2022 को पार्टी में प्रतिद्वंद्वी गुट के उभरने के बाद नए मुख्य सचेतक भरत गोगावले वैध रूप से निर्वाचित मुख्य सचेतक थे.


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