संजय राठौड़ के खिलाफ याचिका पर बॉम्बे HC सख्त, BJP नेता से कहा- 'अदालतें राजनीति का रास्ता नहीं'
Maharashtra News: शिवसेना के विभाजन के बाद संजय राठौड़ शिंदे गुट में शामिल हो गए. उनके मंत्री रहते बीजेपी की एक नेत्री ने याचिका दाखिल की थी, जिसको लेकर वह फिर कोर्ट पहुंची थीं.
Maharashtra Latest News: महा विकास अघाड़ी की सरकार में मंत्री रहे संजय राठौड़ (Sanjay Rathore) पर एक लड़की की खुदकुशी के मामलो के लेकर गंभीर आरोप लगे थे. इस मामले में बीजेपी नेत्री चित्रा वाघ (Chitra Wagh) ने संजय राठौड़ के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. हालांकि, संजय राठौड़ अब शिंदे गुट की शिवेसना में हैं. वहीं, चित्रा वाघ ने इस याचिका को वापस लेने के लिए कोर्ट का रुख किया है.
एबीपी माझा की रिपोर्ट के मुताबिक बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति में चित्रा वाघ ने अनुरोध किया था कि संजय राठौड़ के खिलाफ दायर याचिका का निपटारा किया जाए या उसे वापस लेने की अनुमति दी जाए. हालांकि, इस मुद्दे पर हाई कोर्ट ने चित्रा वाघ को कड़ी फटकार लगाई.
कोर्ट ने लगाई चित्रा वाघ को फटकार
कोर्ट ने कहा कि बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति के साथ आपकी भूमिका बदल जाती है और राजनीतिकरण के लिए जनहित याचिकाओं का इस्तेमाल करने में अदालतों को भी घसीटा जा रहा है. चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की पीठ ने चित्रा वाघ के रुख की आलोचना करते हुए कहा कि अदालतें राजनीति का रास्ता नहीं हैं. अब चित्रा वाघ को अपने वकील के जरिए कोर्ट को बताना पड़ा कि वह याचिका वापस नहीं लेंगी.
वन मंत्री के पद से देना पड़ा था इस्तीफा
चित्रा वाघ ने 2021 में संजय राठौड़ के खिलाफ अदालत में जनहित याचिका दायर की थी, जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी की सरकार थी. उस समय राठौड़ वन मंत्री थे. हालांकि, पुणे में एक लड़की की आत्महत्या मामले में संजय राठौड़ का नाम आने के बाद उन्होंने वन मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद संजय राठौड़ एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल हो गए.
संजय राठौड़ केस में अब तक ऐसी चली कार्रवाई
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि 2022 में राठौड़ को कैबिनेट में शामिल करते समय उन्हें क्लीन चिट दे दी गई थी. जैसे-जैसे संजय राठौड़ पर लड़की को आत्महत्या के लिए उकसाने का संदेह बढ़ता गया, उसकी जांच की मांग बढ़ती गई. उस वक्त चित्रा वाघ ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मांग की थी कि राठौड़ के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच के लिए एसआईटी नियुक्त की जाए या फिर जांच सीबीआई को ट्रांसफर कर दी जाए. सरकारी वकील वेनेगांवकर द्वारा जांच की जानकारी देने के बाद चित्रा वाघ के वकील परांजपे ने याचिका को निपटाने या वापस लेने की अनुमति मांगी.
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