Bombay HC Releases Nigerian Man: बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने मादक पदार्थ के एक मामले में गलती से जेल में रखे गए एक नाइजीरियाई व्यक्ति को दो लाख रुपये का मुआवजा देने का शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया. नाइजीरियाई व्यक्ति रासायनिक विश्लेषण रिपोर्ट में टाइपिंग की गलतियों को लेकर एक साल से अधिक समय से जेल में है. न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ 27 वर्षीय नाइजीरियाई व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसे कथित तौर पर अपने पास मादक पदार्थ रखने को लेकर अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था.


कथित तौर पर ये चीजें शख्स के पास से हुईं थी बरामद


अभियोजन के मुताबिक, व्यक्ति के पास से 116.19 ग्राम कोकीन, और केसरिया रंग की दिल के आकार वाली 40.73 ग्राम गोलियां तथा 4.41 ग्राम गुलाबी रंग की गोलियां बरामद की गई थी. उल्लेखनीय है कि रासायनिक विश्लेषण की रिपोर्ट आने पर यह पता चला कि यह कोकीन नहीं थी बल्कि लिडोकेन, टेपेनटाडोल और कैफीन थी. हालांकि, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के सहायक निदेशक की रिपोर्ट में कहा गया था कि लिडोकेन और टेपेनटाडोल स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के दायरे में आते हैं.


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6 हफ्ते को भीतर जमा कराना होगी राशि


वहीं, एक साल बाद क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, औरंगाबाद के सहायक निदेशक ने खेद जताया और विश्लेषण में सुधार किया व कहा कि यह सामग्री एनडीपीएस अधिनियम के दायरे में नहीं आती. इसके आधार पर आरोपी ने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया. शुक्रवार को, न्यायमूर्ति डांगरे ने आदेश दिया कि आरोपी को 25,000 रुपये के मुचलके पर जमानत पर रिहा किया जाए और राज्य सरकार को छह सप्ताह के अंदर उसे मुआवजे के तौर पर दो लाख रुपये अदा करने का निर्देश दिया.


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