Money Laundering Case: महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को बॉम्बे हाई कोर्ट से झटका लगा है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने नवाब मलिक की याचिका को खारिज कर उन्हें अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है. नवाब मलिक ने कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अंतरिम राहत की मांग की थी.
नवाब मलिक ने बाम्बे हाईकोर्ट में ईडी की ओर से अपनी गिरफ्तारी के विरोध में दायर याचिका में ईडी की कार्रवाई को गलत और अपनी गिरफ्तार को अवैध बताया था. मलिक ने अपनी याचिका में ईडी की ओर से की गई गिरफ्तारी को रद्द करने की अपील की है. उन्होंने गिरफ्तारी को जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन बताया था. लेकिन अब कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है.
यहां आपको बता दें कि ईडी ने नवाब मलिक को लंबी पूछताछ के बाद 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ईडी की हिरासत में भेज दिया था. फिलहाल नवाब मलिक को 21 मार्च तक के लिए हिरासत में भेजा है.
क्या है मामला
यह मामला अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के परिवार से जमीन खरीदने से जुड़ा है. इस मामले में जांच एजेंसी ने मनी लॉड्रिंग का आरोप लगाया है. इस मामले में ईडी ने नवाब मलिक को 23 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था. जांच एजेंसी ने उनपर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराधों में शामिल बताया था. गिरफ्तारी के बाद ईडी ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद मुंबई की एक अदालत ने उन्हें 7 मार्च को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. अभी वो आर्थर रोड जेल में बंद हैं.
नवाब मलिक पर आरोप है कि उन्होंने अंडरवर्लड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर से कुर्ला स्थित गोवा वाले कंपाउंड की 3 एकड़ की जमीन को खरीदा था. इसके लिए उन्होंने सिर्फ 55 लाख रुपए दिए थे. जांच एजेंसी का कहना है कि जमीन की मौजूदा कीमत करीब 300 करोड़ रुपए है.
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