BrahMos के पूर्व इंजीनियर की जमानत याचिका खारिज, पाकिस्तान को खुफिया जानकारी भेजने का है आरोप
Bombay High Court: ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को पाकिस्तानी एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के लिए आजीवन कारावास की सजा हुई. कोर्ट ने सजा निलंबित करने की याचिका खारिज कर दी है.
Bombay High Court: पाकिस्तान (Pakistan) की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में ब्रह्मोस एयरोस्पेस (BrahMos Aerospace) का पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल (Nishant Agarwal) उम्र कैद की सजा काट रहा है. कुछ समय पहले आरोपी निशांत अग्रवाल की तरफ से आजीवन कारावास और अन्य सजाओं को निलंबित करने की मांग को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे अब अदालत ने खारिज कर दिया है.
बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने सुनवाई के बाद पाकिस्तान को खुफिया जानकारी भेजने के आरोप में बंद निशांत अग्रवाल की याचिका रिजेक्ट कर दी है. बता दें, इसी साल के जून महीने में नागपुर की एक अदालत ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
साल 2018 में ब्रह्मोस मिसाइल प्लान लीक करने का आरोप
निशांत अग्रवाल पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप है. निशांत अग्रवाल को साल 2018 में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
बता दें, सरकार की ओर से पेश हुए सहायक सरकारी वकील अनूप बदर ने बताया कि न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी की पीठ ने बुधवार को अंतिम दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया. तीन जून को यहां की एक सत्र अदालत ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (BrahMos Aerospace Pvt Ltd) के पूर्व अभियंता निशांत प्रदीपकुमार अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसे 2018 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
उसे सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए), 1923 के तहत दोषी पाया गया. अग्रवाल की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे पेश हुए.
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