Nawab Malik Plea Rejected: बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के लिए यहां जेल से रिहा करने की मांग की थी. मलिक ने मांग की थी कि या तो उन्हें मुचलके पर हिरासत से रिहा किया जाए या फिर उन्हें पुलिस के साथ मतदान के लिए विधान भवन जाने की अनुमति दी जाए. बता दें कि राज्य में राज्यसभा की 6 सीटों के लिए मतदान चल रहे हैं.
कोर्ट ने दी ये दलील
मलिक की याचिका पर न्यायमूर्ति पीडी नाइक की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने कहा कि हालांकि मलिक ने 'जमानत' शब्द के इस्तेमाल से परहेज किया था, लेकिन उनकी याचिका का मकसद जमानत मांगने का था और इसलिए, उन्हें विशेष अदालत को चुनौती देने वाली अपील दायर करनी चाहिए जिसने उन्हें अस्थायी जमानत से वंचित कर दिया था. उच्च न्यायालय ने कहा कि वह मलिक की याचिका पर विचार करके गलत मिसाल कायम नहीं करना चाहता और मंत्री के वकील अमित देसाई को याचिका में संशोधन करने और उचित राहत मांगने की अनुमति दी.
नवाब मलिक की थी ये मांग
एक विशेष अदालत ने गुरुवार को उनकी याचिका खारिज कर दी थी जिसमें उन्होंने मांग की थी कि उन्हें या तो एक दिन के लिए अस्थायी जमानत पर रिहा किया जाए या उन्हें वोट डालने के लिए एक एस्कॉर्ट के साथ जाने की अनुमति दी जाए. इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया कि या तो उन्हें सिर्फ वोट डालने के लिए बांड या जमानत पर रिहा किया जाए, या उनके साथ एक पुलिस एस्कॉर्ट हो.
ईडी ने याचिका का फिर किया विरोध
शुक्रवार को, देसाई ने कहा कि मलिक जमानत या बांड के लिए अपनी अर्जी छोड़ रहे थे और सिर्फ अपने "संवैधानिक अधिकार" का प्रयोग करने और "लोकतांत्रिक सिद्धांतों" को बनाए रखने के लिए एस्कॉर्ट के साथ जाने की मांग कर रहे थे. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने मलिक की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह सुनवाई योग्य नहीं है. न्यायमूर्ति नाइक ने कहा, "याचिका के लग रहा है कि, मंत्री यहां सिर्फ जेल से रिहा होने के लिए आए हैं. सीआरपीसी की धारा 439 के तहत बांड केवल एक जमानत बांड हो सकता है." कोर्ट ने यह भी कहा कि उन्हें एक उपयुक्त अदालत के समक्ष एक आवेदन देना चाहिए था"
महाराष्ट्र की छह राज्यसभा सीटों के लिए राज्य विधानमंडल परिसर में सुबह नौ बजे मतदान शुरू हो गया. इस चुनाव में शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार संजय पवार को निर्वाचित करने के लिए, शिवसेना के नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के लिए हर वोट महत्वपूर्ण है, जिसमें से एनसीपी भी एक दल है.