Bombay High Court News: बॉम्बे हाई कोर्ट ने पाकिस्तान (Pakishtan) के कलाकारों के भारत (India) में काम करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के अनुरोध वाली याचिका को  गुरुवार (19 अक्टूबर) को खारिज कर दी. हाई कोर्ट ने कहा कि देशभक्त होने के लिए किसी व्यक्ति को विदेश से, विशेषकर पड़ोसी देश से, दुश्मनों जैसा व्यवहार करने की आवश्यकता नहीं है. 


अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा कि एक व्यक्ति जो दिल से अच्छा है, वह अपने देश में किसी भी ऐसी गतिविधि का स्वागत करेगा, जो देश के भीतर और सीमा पार शांति और सद्भाव को बढ़ावा देती है.  न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे और न्यायमूर्ति फिरदोश पूनीवाला की खंडपीठ ने फैज अनवर कुरैशी के तरफ से दायर याचिका को 17 अक्टूबर को खारिज कर दिया. फैज अनवर कुरैशी ने दावा किया है कि वह एक कलाकार हैं. 


याचिका में अदालत से केंद्र सरकार को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह भारतीय नागरिकों, कंपनियों, फर्मों और एसोसिएशनों पर किसी भी पाकिस्तानी कलाकार को काम पर रखने या उसकी पेशकश करने, उसकी किसी भी सेवा को लेने या किसी भी एसोसिएशन में प्रवेश कराने आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए. इनमें फिल्म कलाकार, गायक, संगीतकार, गीतकार और तकनीशियन भी शामिल हैं.


अदालत ने याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि याचिकाकर्ता जो राहत चाहता है वह सांस्कृतिक सद्भाव, एकता और शांति को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रतिगामी कदम है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘‘सभी को यह समझना चाहिए कि देशभक्त होने के लिए, किसी को विदेश, विशेषकर पड़ोसी देश के लोगों के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार करने की आवश्यकता नहीं है.’’


कला, संगीत और खेल जैसी गतिविधियां राष्ट्रों के बीच एकता लाती हैं


पीठ ने अपने आदेश में कहा कि कला, संगीत, खेल, संस्कृति, नृत्य आदि ऐसी गतिविधियां हैं, जो राष्ट्रीयताओं, संस्कृतियों और राष्ट्रों से परे होती हैं और वास्तव में राष्ट्र में तथा राष्ट्रों के बीच शांति, सौहार्द, एकता और सद्भाव लाती हैं. अदालत ने कहा कि भारत में आयोजित क्रिकेट विश्व कप में पाकिस्तान की क्रिकेट टीम हिस्सा ले रही है और ऐसा केवल भारत के संविधान के अनुच्छेद- 51 के अनुरूप समग्र शांति और सद्भाव के हित में भारत सरकार के तरफ से उठाए गए सराहनीय सकारात्मक कदमों के कारण हुआ है. संविधान का अनुच्छेद- 51 अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के विषय में है.  


कुरैशी ने अपनी याचिका में कहा था कि चूंकि पाकिस्तान क्रिकेट टीम वर्तमान में विश्व कप के लिए भारत में खेल रही है, इसलिए ऐसी आशंका है कि लोग पाकिस्तानी गायकों और कलाकारों को आमंत्रित करने के लिए इस खेल आयोजन का दुरुपयोग कर सकते हैं, जिससे भारतीय कलाकारों के रोजगार के अवसर खतरे में पड़ जाएंगे. 


ये भी पढ़ें: Maharashtra: शरद पवार की बैठक में क्यों हुआ नवतीन राणा का जिक्र, पार्टी कार्यकर्ताओं ने NCP चीफ से क्या कहा?