Nawab Malik: बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई पूरी की और एनसीपी मंत्री नवाब मलिक द्वारा मांगी गई अंतरिम राहत में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग और 1999 के संबंध में "आतंकवादी फंडिंग में सक्रिय भागीदारी" के लिए नवाब मलिक को गिरफ्तार किया था.  


जस्टिस प्रसन्ना बी वराले और श्रीराम एम मोदक की खंडपीठ ने कहा कि वह 15 मार्च को सुबह 10.30 बजे मामले में फैसला सुनाएगी. मलिक ने अपनी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में दावा किया था कि उनकी गिरफ्तारी "अवैध" थी, दंड प्रक्रिया संहिता के तहत उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना"राजनीतिक प्रतिशोध" के साथ किया गया था. मलिक ने हाई कोर्ट को बताया था कि ईडी, यह आरोप लगाकर कि 'उनके पास मुंबई के कुर्ला में गोवावाला बिल्डिंग की संपत्ति है, कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल है' उन्हें उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन करके जेल में रखना चाहता है. 






मलिक के वकील ने कहा, ‘‘उनकी रिहाई के बाद किसी भी तारीख को हम मामले की पूरी सुनवाई के लिए जाने को तैयार हैं, लेकिन कृपया उन्हें अंतरिम राहत प्रदान करें. वह पहले ही 16 दिन जेल में बिता चुके हैं.’’ ईडी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता मलिक को 23 फरवरी को भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़ी धनशोधन जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. अदालत ने सोमवार को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.


ईडी के मुताबिक, मलिक ने शहर के कुर्ला इलाके में प्लम्बर की पुश्तैनी संपत्ति हड़पने की साजिश रची थी. जांच एजेंसी के अनुसार, उक्त संपत्ति का वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 300 करोड़ रुपये है. हाई कोर्ट इस याचिका पर कल भी इस मामले पर सुनवाई जारी रखेगा.


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